दुर्ग जिले में स्वाइन फ्लू से तीसरी मौत:हर दिन बढ़ रहा मरीजों का आंकड़ा, 20 दिन में मिले 23 नए एक्टिव केस…!!

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्वाइन फ्लू से तीसरी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 20 दिन के भीतर स्वाइन फ्लू के 23 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग भी बीमारी को लेकर अलर्ट मोड में है। सभी मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री तलाश रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार 31 अगस्त को सेक्टर 4 निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे पहले सेक्टर 5 और कुम्हारी निवासी 2 बुजुर्गों की स्वाइन फ्लू से जान गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है।

एक ही दिन में 3 नए मरीज और मिले

भिलाई में इसका संक्रमण अधिक देखने को मिल रहा है। 30 अगस्त को एक ही दिन में 3 नए मरीज और मिले हैं। सभी भिलाई के कोहका, कैंप और पदुमनगर क्षेत्र से हैं। तीनों मरीजों को रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

भिलाई में स्थित श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज और चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में 2-2 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं तीन मरीजों का इलाज घर पर ही चल रहा है।

दुर्ग कलेक्टर ने स्वाइन फ्लू को लेकर जारी की एडवाइजरी

दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के जरिये सभी सरकारी अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। जहां भी स्वाइन फ्लू के नए मरीज मिल रहे हैं, वहां उनके परिजनों और पड़ोसियों की जांच की जा रही है।

साथ ही आसपास से कैंप लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की भी जांच कर उन्हें दवा दी जा रही है। स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

ऐसे बरतें विशेष सावधानी

स्वाइन फ्लू वायरस का संक्रमण होने पर पीड़ित को तुरंत अच्छे हॉस्पिटल में इलाज मिलना चाहिए। अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो फ्लू अधिक बढ़ जाता है। मरीज की मौत भी हो जाती है। जिले में जिन लोगों की मौत हुई है उनकी उम्र अधिक थी। बीपी, शुगर होने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम थी।

डॉक्टरों का कहना है कि यदि कोई स्वाइन फ्लू का पॉजिटिव मरीज आता है तो उसे विशेष रूप से अलर्ट रहने की जरूरत है। इसमें पानी की कमी की शिकायत होती है। इसे दूर करने के लिए जूस, गरम सूप, पानी और तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आराम और पूरी नींद लेनी चाहिए।

क्या है स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू H1N1 वायरस के कारण होने वाला एक श्वसन रोग है। सुअरों के श्वसन लेने वाले तंत्र को संक्रमित करता है। आम तौर पर यह मौसमी फ्लू की तरह ही होता है। ये चहेरे से होकर मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है।

यहां बरतें एहतियात

H1N1 फ्लू का संक्रमण होने पर मरीज को दूसरे से दूरी बनाकर रखना चाहिए। दूसरे की चीजों को नहीं छूना चाहिए। स्वच्छता पर खास ध्यान देना है। छींकते या खांसते वक्त रूमाल रख लेना चाहिए। संभव हो तो उस तरफ न खांसे छींके जिस तरह लोग हों।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

  • बुखार आना
  • खांसी आना
  • गले में खराश होना
  • नाक बहना
  • शरीर में दर्द होना
  • सिर दर्द होना
  • ठंड लगना और थकान होना

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