छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई और रायपुर में रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर सिस्टम तैयार किया जाएगा। केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने विभाग के अफसरों को इसके निर्देश दिए हैं। बुधवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में साहू ने मंत्रालय के ओएसडी जयदीप कुमार को छत्तीसगढ़ में मास रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर विकसित करने की संभावना तलाशने के निर्देश दिये।
बैठक के दौरान, मंत्री ने मेट्रो, मोनोरेल, रैपिड रेल और केबल कारों सहित विभिन्न परिवहन विकल्पों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख औद्योगिक शहरों दुर्ग, भिलाई और रायपुर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना है। मंत्री ने इन तीन शहरों के लिए व्यापक गतिशीलता योजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मास रैपिड ट्रैज़िट कॉरिडोर की स्थापना से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, इन शहरों और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आगे के मूल्यांकन और विचार के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने और प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाएगा।
बिलासपुर के प्रस्तावित डेवलपमेंट प्लान पर भी हुआ मंथन
तोखन साहू ने बिलासपुर के प्रस्तावित कार्यों पर बात हुई। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चुनी गई पहल को वित्त पोषण प्रदान करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। परियोजनाएं मुख्य रूप से नगरपालिका स्तर पर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन, राज्य स्तर पर जलवायु- उन्मुख सुधार गतिविधियों, राष्ट्रीय स्तर पर संस्थागत विकास और राष्ट्रीय स्तर पर जान प्रसार पर ध्यान केंद्रित हैं। मंत्री ने बिलासपुर की विकास यात्रा के प्रस्तावों पर महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने ने अठारह शहरों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की भी समीक्षा की। मंत्री ने कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए योजना और रणनीति को भी समझा।
मंत्री ने एनआईयूए द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की विविधता की भी जांच की। एनआईयूए की निदेशक डॉ. देबोलिना कुंडू ने मंत्रालय को एनआईयूए की रणनीतिक सहायता के बारे में विस्तार से बताया। स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) और पीएम स्वनिधि जैसे प्रमुख मिशनों में इसके योगदान पर जोर दिया।