केन्द्र सरकार ने 8 साल पहले छोटे व्यापारियों और छोटे उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ा व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जेम पोर्टल की शुरुआत की। लेकिन इस उद्देश्य को सरकारी विभाग के अफसर पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। विभाग जेम पोर्टल से सामान की खरीदी तो कर रहे हैं, लेकिन बोली के लिए ऐसे नियम शर्तें थोप रहे हैं, जिसे एमएसएमई कारोबारी इन बोलियों में भाग ही नहीं ले सकते। रायपुर में जनजातीय एवं कल्याण विभाग के आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी फर्नीचर की खरीदी से जुड़े 2 करोड़ से ऊपर के टेंडर में अमेरिका के साथ आयात-निर्यात से जुड़ा सी-टीपैट सर्टिफिकेट मांगा गया है। अमेरिका में आतंकवाद निरोधी मामलों में साझेदारी करने वाली फर्मों से यह सर्टिफिकेट मांगा जाता है।
ईएसआईसी से लेकर आईएसओ व ग्रीन पीआरओ सर्टिफिकेट भी मांगे
बीआईएफएमए के 3 तरह के प्रमाण पत्र, एसईएफए10-2013, ग्रीन गार्ड आईएसओ के प्रमाण पत्र होने चाहिए साथ ही प्रमाण पत्र देने वाली कंपनी के वेबसाइट पर ये दर्ज भी होने चाहिए। समान कार्य का कम से कम 3 वर्ष का अनुभव भी सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र देना होगा। क्या है जेम पोर्टल जेम यानी गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, सरकार के विभागों, संगठनों, और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीदने की सुविधा देता है। इसका मकसद सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता और गति बढ़ाना है। जेम पर विक्रेता रजिस्ट्रेशन कराकर अपनी बोली प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं।
सुकमा व बलरामपुर में इन सामग्रियों की होनी है खरीदी
बलरामपुर में आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत मैरून रंग के 658 फोम गद्दे की खरीदी होनी है। इसी तरह सुकमा जिले में ट्राइबल विभाग के लिए ही 22 वॉट के 3400 एलईडी ट्यूबलाइट, 700 की संख्या में बंक बेड के गद्दे, 898 की संख्या में सीलिंग फैन और 6210 की संख्या में बेड शीट की खरीदी के लिए जेम पोर्टल में बोली की सूचना प्रदर्शित की गई है। बलरामपुर और सुकमा जिले में लगातार 3 साल तक 2 करोड़ तक के टर्नओवर, 19 तरह के रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेट की डिमांड है।
^खरीदी के टेंडर में एमएसएमई रजिस्ट्रेशन व इससे जुड़े दस्तावेज तो मांगते हैं। लेकिन सी-टीपैट या ऐसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाते हैं। यदि ऐसा कुछ है, तो इसे चेक कराता हूँ। वैसे ऐसा कुछ डाक्यूमेंट मांगने की जानकारी नहीं है। नरेंद्र कुमार दुग्गा, आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग
31 बिन्दुओं में मांगी पूरी जानकारी इस टेंडर के लिए आदिवासी विभाग विभाग ने कुल 18 बिन्दु तय किए हैं। वहीं पहले बिन्दु के अंतर्गत ही 13 बिन्दु अलग से तय किए गए हैं। मूल नियम के अलावा इस टेंडर में भाग लेने वाले व्यापारियों के लिए एमएसएमई यानी भारतीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन की अनिवार्य शर्त जोड़ी गई है। इतना ही नहीं चार्टर्ड अकाउंटेंट के लेटरहेड में टर्नओवर का प्रमाण पत्र देने कहा गया है, जिसमें बीते 3 वर्षों का औसत टर्नओवर यूडीआईएन के साथ 2 करोड़ का होना चाहिए।