खमतराई, वीआईपी क्लब और कचना के निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नीचे अंडरब्रिज बनेंगे। रेलवे ने इसके लिए 39 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। तीनों अंडरब्रिज बन जाने से इसके आस-पास रहने वाले करीब 2 लाख लोगों के 10 से 15 मिनट तक बचेंगे। अंडरब्रिज सीधे उन लोगों के लिए राहत बनेंगे जो इनके आस-पास रहते हैं, क्योंकि दूर-दराज रहने वाले तो फ्लाईओवर से गुजर जाते हैं। रेलवे क्रासिंग के आस-पास रहने वालों को या तो रेलवे क्रासिंग खुलने का इंतजार करना पड़ता है या फ्लाईओवर से घूम कर आना पड़ता है। अंडरब्रिज बनने से लोगों की ये दिक्कत खत्म हो जाएगी। तीनों अंडरब्रिज में खमतराई के प्रोजेक्ट को 2016-17 में ही मंजूरी मिल गई थी। बजट के कारण अब तक प्रोजेक्ट फाइलों से बाहर नहीं आया। यही स्थिति कचना अंडरब्रिज की है। यहां रेलवे क्रासिंग के नीचे 2020 में ही अंडरब्रिज की मंजूरी दे दी गई थी। उसके बाद भी काम चालू नहीं किया गया।
खमतराई खमतराई फ्लाईओवर के आस-पास 20 से ज्यादा कालोनी और बस्तियां हैं। इनमें शिवानंदनगर और उसके आस-पास की बड़ी कालोनी बिलकुल रेलवे क्रासिंग से सटी है। इन इलाकों में रहने वाले घर आने-जाने के लिए या तो फ्लाईओवर का उपयोग करते हैं। या उसके नीचे से आते जाते हैं। नीचे से आने जाने में वे बंद फाटक में फंसते हैं। क्योंकि यहां से अप-डाउन दोनों से यात्री और मालगाड़ी मिलाकर 100 से 120 के आस-पास ट्रेनें गुजरती हैं।
इसलिए हर थोड़ी देर में क्रासिंग बंद होती है। क्रासिंग बंद होने पर लोगों को खुलने के इंतजार में खड़ा होना पड़ता है। फ्लाईओवर का उपयोग करने पर दूर तक जाकर लौटना पड़ता है। इस दौरान एक ओर जहां लंबी दूरी तय करनी पड़ती है वहीं दूसरी ओर फ्लाईओवर के तेज रफ्तार ट्रैफिक से गुजरना भी कम जोखिम भरा नहीं रहता है। अंडरब्रिज बनने से ये समस्या दूर हो जाएगी।
वीआईपी क्लब शंकरनगर चौक से आगे वीआईपी क्लब की रेलवे क्रासिंग के आस-पास इलाके में दो दर्जन से ज्यादा पॉश कालोनियां और बस्ती हैं। यहां रहने वालों को भी घर जाने के लिए फ्लाईओवर का उपयोग करना पड़ता है। या अंडरब्रिज से होकर जाना पड़ता है। फ्लाईओवर पर चढ़कर दोबारा नीचे आकर कालोनी में जाने में लोगों को लंबी दूरी तय करने के अलावा ट्रैफिक के झंझटों में भी फंसना पड़ता है। ब्रिज के नीचे से गुजरने वालों को कभी भी रेलवे क्रासिंग बंद मिल जाती है। उस दौरान लोगों को बंद फाटक के सामने खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। ये समस्या भी दूर हो जाएगी।
कचना कालोनी कचना में 2020 में ही अंडरब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन ये प्रोजेक्ट फाइलों में ही अटका रहा। इसके लिए शासन से फंड ही नहीं मिला। कचना से विशाखापट्टनम रेल लाइन गुजरती है। इस ट्रैक से यात्री ट्रेनों के साथ करीब 100 मालगाड़ियां गुजरती हैं। पटरी के पार कई बड़ी हाउसिंग सोसायटी और बस्तियां हैं। यहां तो जितनी बार रेल फाटक बंद होता है, उतने बार जाम लगता है। यहां ओवरब्रिज का काम अब शुरू हुआ है, जो अगले साल पूरा हो जाएगा। इसके साथ अंडरब्रिज का काम चालू किया जाएगा।