राष्ट्रपति- शाह को सुनाएंगे आपबीती : नक्सली धमाकों में हुए अपाहिज, गोली खाई, फिर भी हौसला बरकरार…!!

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नक्सली हमले झेलने वाले सैकड़ों लोगों की दिनचर्या महीनों और बरसों बाद भी सामान्य नहीं हो सकी है। नक्सली हमलों ने कईयों को अपाहिज बना दिया है। कुछ ने डटकर माओवादियों का डटकर सामना भी किया, लेकिन दहशत के सामने झुके नहीं। ये दिव्यांग अपनी बातें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री अमित साह से से साझा करेंगे।

दरअसल, राज्य सरकार ऐसे ही कुछ लोगों को मुख्याधारा में लाने और उनका दुख-दर्द कम करने के प्रयास कर रही है। ऐसे लोगों को बस्तर के तनावपूर्ण वातावरण से बाहर निकालकर राजधानी रायपुर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली के दर्शन कराए जाएंगे। वे जंतर-मंतर, कांस्टीट्यूशन क्लब, जेएनयू, राष्ट्रपति भवन आदि भी जाएंगे। बस्तर संभाग के सभी जिलों से माओवाद हमलों में घायल होने के बाद दिव्यांग हो चुके लोगों का जत्था रायपुर पहुंच रहा है। करीब चार-पांच दर्जन ऐसे लोग 15 सितंबर को राजधानी आ रहे हैं।

वे रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 16 सितंबर को सीएम हाउस पहुंचेंगे। यहां वे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेंगे। वे सीएम के साथ भोजन भी करेंगे। इसके बाद वे दिल्ली रवाना होंगे। दिल्ली में छत्तीसगढ़ भवन में उनके रूकने का इंतजाम किया जा रहा है। बस्तर रेंज के सभी एसपी रायपुर- दिल्ली आने-जाने वाले जत्थे को पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे।

ऐसा रहेगा पूरा शेड्यूल

17 सितंबर को वे जंतर मंतर देखने जाएंगे। वे प्रोटेस्ट, सोशल मीडिया व यू-ट्यूब कवरेज भी देखेंगे। इसके बाद वे राष्ट्रपति भवन पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर अपनी आपबीती सुनाएंगे। 18 सिंतबर को देश का संविधान बनाने के साक्षी कांस्टीट्यूशन क्लब जाएंगे। वहां फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन करेंगे। प्रेस से रूबरू होंगे। वे जेएनयू भी देखने जाएंगे। वहां उनके लिए भोजन की भी व्यवस्था की जा रही है। 19 सितंबर को वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे। मालूम हो कि शाह ने दो साल में माओवाद को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है।

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