छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग मिलकर यात्रियों काे नई सुविधाएं देंगे। 17 वर्षों के बाद दोनों राज्यों की पहल पर भोपाल में बैठक हुई। मध्यप्रदेश की ओर से बैठक में एसीएस परिवहन एसएन मिश्रा एवं छत्तीसगढ़ की ओर से परिवहन सचिव एस. प्रकाश शामिल हुए। दोनों राज्यों के बीच 2007 में अंतरराज्यीय पारस्परिक यातायात समझौते में अभिवृद्धि पर सहमति बनी। छत्तीसगढ़ ने 34 एवं मध्यप्रदेश ने 19 नए मार्गों को जोड़ने पर सहमति दी। इसके अलावा 81 मार्गों पर फेरों में वृद्धि, सहमति मार्गों को पारस्परिक करार में शामिल करने, यातायात के आधुनिकीकरण, मुक्त जोन पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लेने, प्रकरणों के शीघ्र निराकरण पर सहमति बनी। बैठक के निर्णयों पर कार्यवाही वैधानिक प्रक्रिया अनुसार की जाएगी। इस बैठक में सीबी चक्रवर्ती, परिवहन आयुक्त डी.पी. गुप्ता, डी. रविशंकर अपर परिवहन आयुक्त छत्तीसगढ़ भी शामिल हुए।
ई-बसें : हर तीन महीने में होगा थर्ड पार्टी ऑडिट
राज्य के चार शहरों में पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत सार्वजनिक परिवहन के लिए 240 ई-बसें केंद्र सरकार देगी। सार्वजनिक परिवहन सेवा की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। योजना की सामान्य शर्तों में यह भी शामिल है कि प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता रहे।
उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने बताया कि राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई एवं कोरबा में ई-बस सेवा शुरू की जाएगी। रायपुर को 100, दुर्ग-भिलाई को 50, बिलासपुर को 50 तथा कोरबा को 40 बसें मिलेगी। योजना में हर तीन महीने में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा। योजना के तहत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। बीस से चालीस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख तथा पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई बसों की पात्रता है।
इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई बसें, दुर्ग भिलाई को 50 मीडियम ई बस, बिलासपुर को 35 मीडियम तथा 15 मिनी ई बस और कोरबा को 20 मीडियम तथा 20 मिनी ई बसें मिलेगी। केंद्र सरकार की यह योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोडने की कोशिश का हिस्सा है। केंद्र सरकार की मंशा है कि यह योजना शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित हो। लोगों को किफायती, भरोसेमंद और परिवहन की सुविधा मिले।
शहरों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम ई बस सेवा योजना प्रारंभ की है। योजना के तहत राज्यों को शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसें दी जाएंगी। प्रदेश के नगरीय विकास विभाग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर यह निर्णय हुआ है।
खास बातें {बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन केंद्र सरकार करेगी। {केंद्रीय सहायता तय किलोमीटर संचालन के आधार पर दी जाएगी। {बसें कम चलीं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी। {केंद्र सरकार द्वारा शहरों के प्रदर्शन के आधार पर पैसा दिया जाएगा। {सिविल, पावर इंफ्रास्ट्रक्चर एवं संचालन के लिए मीटरिंग के डीपीआर बन रहे हैं।