छत्तीसगढ़ के बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर के बारे में अब भक्तों को एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिलेगी। जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने एक क्यूआर कोड जारी किया है। इसे मोबाइल से स्कैन करते ही एक ड्राइव खुलेगी और भक्त मंदिर से जुड़ी जानकारी ऑडियो के जरिए सुन सकेंगे। खास बात है कि, इस ऑडियो क्लिप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड भी कर सकते हैं। फिलहाल जिला प्रशासन ने इसे प्रायोगिक तौर पर शुरू किया है। जिसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा मिल रहा है।
पहले जानिए कैसे करें स्कैन ?
- सबसे पहले आप अपने मोबाइल फोन पर गूगल स्कैनर ओपन करें।
- फिर क्यूआर कोड को स्कैन कर सर्च बटन पर क्लिक करें।
- एक गूगल ड्राइव ओपन होगा, उसे क्लिक करें।
- फाइनली आपके मोबाइल स्क्रीन पर एक ऑडियो क्लिप सामने आ जाएगा।
- प्ले बटन दबाकर आप इसे सुन सकते हैं।
भक्तों ने किया इस्तेमाल, बोले- आसान है तरीका
- खैरागढ़ के गंडई निवासी एमन साहू और सतीश कुमार साहू ने कहा – माता दंतेश्वरी के बारे में कई चमत्कार सुना था। पहली बार दंतेवाड़ा में स्थित मंदिर आए हैं। दर्शन कर लिए। मंदिर की खूबसूरती और प्राचीन बनावट देखकर मंदिर के बारे में जानकारी जुटाने की मन में इच्छा हुई। क्यूआर कोड स्कैन कर ऑडियो सुना और कुछ ही मिनटों में मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी हमें मिल गई।
- दल्लीराजहरा के रहने वाले पचमन दास ने बोला- माता सब की मुराद पूरी करती हैं। मत्था टेकने मैं भी यहां आया हूं। खास बात है कि क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी मैंने ऑडियो के माध्यम से सुना। जानकारी लेने का यह तरीका बेहद आसान है। अच्छी पहल है।
- जांजगीर चांपा के रहने वाले मिलन तिवारी ने कहा- पहली बार माता के दरबार आया हूं। माता जी के बारे में गूगल में सर्च कर बहुत से लेख पढ़ा था। अधिकांश लेख में अलग-अलग जानकारी थी। यहां आने के बाद क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर से जुड़ी जानकारी स्पष्ट रूप से मिली। वाकई ये बेहद अच्छी पहल है।
कुछ लोगों को फोन हैक होने का डर
दंतेश्वरी माता मंदिर में आए रायपुर-तिल्दा के राजकुमार, कोरबा के रविकांत समेत कुछ श्रद्धालुओं से जब हमने बातचीत की, तो उनमें क्यूआर कोड स्कैन करने में थोड़ी हिचकिचाहट दिखी। उन्हें डर था कि हमने ये क्यूआर कोड स्कैन कर लिया, तो कहीं हमारे साथ साइबर स्कैम न हो जाए। ऐसे में प्रशासन को यहां लोगों को इस नई पहल के बारे में अवेयर करने की भी जरूरत है।
प्रधान पुजारी बोले- बैठक में लिया निर्णय
मंदिर के प्रधान पुजारी हरेंद्र नाथ जिया का कहना है कि, लोगों की मांग भी थी कि ऐसी कोई पहल की जाए जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर से जुड़ी जानकारी मिल जाए। कुछ दिन पहले टेंपल कमेटी की बैठक हुई थी। इस बैठक में क्यूआर कोड से जानकारी देने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद ही इसे मंदिर के अलग-अलग जगह चस्पा किया गया है।
अफसर बोले- डरे नहीं, इस्तेमाल करें, सुरक्षित है
दंतेवाड़ा SDM जयंत नाहटा (IAS) ने कहा कि, माता के मंदिर में दूर-दराज से भक्त आते हैं। दर्शन करते हैं और चले जाते हैं। उन्हें मंदिर के इतिहास के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऐसे में उन्हें आसान तरीके से जानकारी देने के लिए हमने नया प्रयोग किया है। अब तक इसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा मिल रहा है।
अब एक-एक कर जिले के लगभग सभी पर्यटन स्थलों में क्यूआर कोड चस्पा कर लोगों को उस स्थल की पूरी जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, बाहर से आने वाले पर्यटकों को यहां के अधिकांश ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानकारी नहीं रहती है। क्यूआर कोड स्कैन कर वे उस स्थल के बारे में आसानी से जानकारी ले सकते हैं।
जयंत नाहटा ने कहा कि, क्यूआर कोड स्कैन करते वक्त भक्तों को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। ये आधिकारिक वेबसाइट है। जिससे मंदिर और पर्यटन स्थल के बारे में ही जानकारी मिलेगी। ये पूरी तरह से सुरक्षित है।
मां दंतेश्वरी का इतिहास जानिए
दंतेवाड़ा का दंतेश्वरी मंदिर के साथ मान्यता यह है कि यहां पर माता सती के दांत गिरे थे। इसी वजह से इस इलाके का नाम दंतेवाड़ा और देवी का नाम दंतेश्वरी देवी पड़ा। यह मंदिर एक प्रमुख शक्ति पीठ है। यह मंदिर 136 साल पुराना है। मां दंतेश्वरी की प्रतिमा काले संगमरमर से निर्मित है।
ऐसे पहुंच सकते हैं मंदिर
दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में माता का मंदिर है। यदि कोई भक्त रायपुर से माता के दरबार आना चाहता है तो सड़क मार्ग से करीब 400 किमी की दूरी तय करनी होगी। रायपुर के बाद धमतरी, कांकेर, कोंडागांव और अंतिम बस्तर (जगदलपुर) जिले की सरहद पार कर दंतेवाड़ा पहुंचा जा सकता है।
इसके अलावा हैदराबाद और रायपुर से भक्त फ्लाइट से जगदलपुर और फिर वहां से सड़क मार्ग के सहारे दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं। ओडिशा, तेलंगाना, और महाराष्ट्र के भक्तों के लिए भी राह आसान है। ओडिशा के भक्त पहले जगदलपुर, तेलंगाना के सुकमा और महाराष्ट्र के बीजापुर जिला होते हुए सीधे दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं। ये तीनों जिले दंतेवाड़ा के पड़ोसी जिले हैं।