छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब मतगणना 3 दिसंबर को होगी। चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को तय समय पर पैसा मिल जाए, इसके लिए चुनाव आयोग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों के फंड जारी कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 33 जिलों के लिए 22 करोड़ 50 लाख रुपए जारी किए गए हैं। आयोग ने राशि जारी करने के साथ ही संबंधित जिलों के कलेक्टरों को राशि वितरण करने का आदेश भी जारी किया है।
छत्तीसगढ़ दो चरणों में हुआ है मतदान
प्रदेश में विधानसभा चुनाव का मतदान दो चरणों में हुआ है। इन दो चरणों में 33 जिलों के 1 लाख 15 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। इनमें सेक्टर और पीठासीन अधिकार, मतदान कर्मी, वाहन चालक, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं।
पहले चरण में 20 सीटों के लिए 7 नवंबर को वोट डाले गए थे। इस चरण में 21 हजार 216 कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी थी, जबकि 4 हजार 202 रिजर्व में रखे गए थे। इसी तरह 17 नवंबर को दूसरे चरण की 70 सीटों के लिए मतदान हुआ। इस चरण में 75 हजार 332 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। वहीं, 14 हजार 940 रिजर्व में रखे गए थे।
सबसे ज्यादा राशि रायपुर जिले को आवंटित हुई
आयोग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले को आयोग की ओर से सबसे ज्यादा राशि आवंटित की गई है। आयोग ने हर विधानसभा का औसत 25 लाख रुपए का बजट रखा है। रायपुर जिले में 7 विधानसभा सीटें है, इसलिए रायपुर जिले को 1 करोड़ 75 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं।
वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी
विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। कलेक्टर और रिटर्निंग अफसरों की मौजूदगी में सुबह 7 बजे स्ट्रॉन्ग रूम खोले जाएंगे। एक-एक विधानसभा की EVM उनके टेबलों तक पहुंचाई जाएंगी।स्ट्रॉन्ग रूम खोलने से लेकर मशीनों के पहुंचने तक एक-एक पल की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी।
सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती की जाएगी। ये काम करीब आधे घंटे में खत्म कर लिया जाएगा। इसके बाद 8.30 बजे EVM मशीनों के लॉक खुलेंगे। सबसे पहले उन विधानसभा सीटों के नतीजे आएंगे जिनमें मतदान केंद्र और प्रत्याशियों की संख्या कम है।
मतगणना स्थल पर मोबाइल बैन
मतगणना स्थल पर मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रवेश के दौरान मोबाइल ले जाने को लेकर कोई बहस करता है, तो अफसर उचित कार्रवाई के लिए स्वतंत्र रहेंगे। इस बारे में किसी भी तरह की कोई राहत नहीं दी जाएगी। आयोग के निर्देश पर ही मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित किया गया है।
3 बार रैंडमाइजेशन के बाद दल की नियुक्ति
हर विधानसभा में 14 टेबल EVM के लिए और 2 टेबल पोस्टल बैलेट के लिए लगाए जाएंगे। हर टेबल में एक सुपरवाइजर जो राजपत्रित अधिकारी रैंक का होगा उसके साथ गणना सहायक भी होंगे। मतगणना दल की नियुक्ति तीन बार रैंडमाइजेशन के बाद की जाएगी। पहला रैंडमाइजेशन जिला निर्वाचन अधिकारी की मौजूदगी में और दूसरा-तीसरा ऑब्जर्वर की मौजूदगी में किया जाएगा।