करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ अध्यक्ष विरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रुबी सिंह के भाई रोहित तोमर और उसके मैनेजर योगेश सिन्हा को पुलिस ने सूदखोरी केस में पकड़ा। आरोप है कि कारोबारी को 5 लाख का लोन देकर उससे 30 लाख की वसूली की है। मामला गुढ़ियारी थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने 12 सितंबर को गिरफ्तारी की और 13 सितंबर को चुपचाप तरीके से जेल भेज दिया। रोहित तोमर की गिरफ्तारी सार्वजनिक नहीं की। मीडिया को भी किसी तरह की जानकारी नहीं दी। आरोपियों ने गन प्वाइंट पर कारोबारी को किडनैप किया था।
गिरफ्तारी की जानकारी देने से बचते रहे अफसर
पुलिस ने 7 दिन बाद भी खुलासा नहीं किया, जिसके बाद मीडिया ने गुढ़ियारी पुलिस से आरोपी सूदखोर की जानकारी ली। अफसर गिरफ्तारी के बाद भी जानकारी देने से बचते दिखे। बाद में रामनगर चौकी प्रभारी देवशरण सिंह ने रोहित तोमर और उसके साथी योगेश सिन्हा की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
होटल कारोबारी ने की थी शिकायत
दरअसल, शीतलापारा गुढ़ियारी निवासी पीड़ित कारोबारी रामकुमार गुप्ता ने रोहित और उसके मैनेजर योगेश सिन्हा पर कर्ज एक्ट, मारपीट, अपहरण समेत कई धाराओं के तहत FIR दर्ज कराई थी। कारोबारी ने पुलिस को बताया था, कि नवंबर 2023 में रोहित तोमर का मैनेजर योगेश सिन्हा घर पहुंचा।
इसके बाद रोहित तोमर के पास चलने की बात कही। कारोबारी ने रोहित के पास जाने से मना कर दिया। योगेश ने रोहित को फोन किया। इसके बाद आरोपी रोहित उसके घर आ गया। परिवार के सामने गालियां दी। पिस्टल दिखाकर गाड़ी में बैठा लिया।
ग्रीन बॉन्ड पेपर में साइन करवा लिए
कारोबारी ने बताया कि आरोपियों ने उसे चंगोराभाठा इलाके के एक घर में बंधक बना लिया। रोहित तोमर और उसके मैनेजर ने मारपीट की। चेक और ग्रीन बॉन्ड पेपर में साइन करवाए। पेपर साइन करवाने के बाद अपनी कैद से रिहा किया और फिर पैसे मांगे।
आरोपियों के डर से कारोबारी ने उसे बताया, कि उसका 32 तोला सोना बैंक में बंधक है। फिर आरोपियों ने सोना बैंक से छुडवाया और उसे अपने पास रख लिया। सोना रखने के बाद आरोपी ने चेक और बॉन्ड पेपर वापस नहीं दिया।
इस सबके बाद भी आरोपी तोमर और उसका मैनेजर पीड़ित को लगातार परेशान करते रहा। आरोपियों की हरकत से परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत की, तो पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार किया।
हर दिन 10 प्रतिशत ब्याज वसूलता था तोमर
कारोबारी ने पुलिस को बताया, कि वह आरोपी से 5 लाख रुपए लिया था। 5 लाख रुपए देने के बाद हर महीने 10 प्रतिशत ब्याज लिया। आरोपी ब्याज का हर दिन 5 हजार रुपए वसूलता था। आरोपी लगातार दबाव बनाता था। शिकायत करने पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देता था।
कोर्ट परिसर के बाहर से पकड़े गए आरोपी
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी 12 सितंबर को कोर्ट परिसर के पास खड़ा था। अपहरण, मारपीट और जबरन वसूली करने के मामले में आरोपी फरार चल रहा था। पुलिसकर्मियों ने कोर्ट परिसर के बाहर उसे देखा, तो पकड़ने के लिए रोका। पुलिस को देखने पर जैगुआर कार से फरार होने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी गुंडा बदमाश में है रोहित तोमर
सूदखोर रोहित तोमर निगरानी गुंडा बदमाश है। आरोपी के खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी सूदखोरी, मारपीट, ब्लैकमेल के मामले में जेल भी जा चुका है।
आखिरी बार पुलिस ने रोहित तोमर पर कार्रवाई 7 महीने पहले हाईपर क्लब में कारोबारी से मारपीट करने के मामले में की थी।
गोल्डनमैन के नाम से सूदखोर जिले में मशहूर
सूदखोर रोहित गोल्डनमैन के नाम से जिले में मशहूर है। रसूखदारी बनी रहे, इसलिए आरोपी अपने गिरोह से समय-समय पर सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन कराता है। पुलिस पहले भी आरोपी को गिरफ्तार कर कई मामलों में जुलूस निकलवा चुकी है।