छत्तीसगढ़ के दुर्ग सेंट्रल जेल में शुक्रवार को गांजा तस्करी केस में बंद कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के बाद शनिवार को परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पीएम हाउस का दरवाजा तोड़ दिया। जब सिपाही ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उसके साथ भी धक्का-मुक्की की। गृहमंत्री विजय शर्मा भी आज दुर्ग केंद्रीय जेल पहुंचकर जेल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि, जेल का मुआयना किया। बताया जा रहा है कि, 26 अक्टूबर 2023 से सुंदरजीत जेल में बंद था। वहीं, साल 2022 और 2023 में प्रदेश के अलग-अलग जेलों में करीब 147 बंदियों की मौत हुई है।
जेल में अचानक बिगड़ी कैदी की मौत
पद्मनाभपुर थाना प्रभारी अंबिका प्रसाद ध्रुव ने बताया कि, सुपेला उडियापारा निवासी बंदी सुंदरजीत जाल (26) की मौत की सूचना दुर्ग सेंट्रल जेल से उन्हें मिली थी। शुक्रवार की सुबह सवा 6 बजे वो बिस्तर से उठा और अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई।
जेल प्रबंधन उसे जिला अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों ने जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसलिए इस मौत की जांच जेएमएफसी विवेक नेताम के नेतृत्व वाली टीम करेगी।
परिजनों ने किया हंगामा
जब परिजनों को पता कि सुंदरजीत की जेल के अंदर मौत हो गई है, तो उन्होंने हंगामा किया। करीब से 100 से अधिक की संख्या में परिजन और उनके साथी शनिवार दोपहर दुर्ग मॉर्चुरी पहुंच गए। वो मॉर्चुरी का दरवाजा तोड़कर सीधे अंदर घुस गए। उन्होंने फ्रीजर में रखे शव को निकालकर देखा और भड़क गए।
सिपाही से धक्का-मुक्की
परिजनों ने जेल और पुलिस प्रबंधन पर आरोप लगाया कि, सुंदरजीत को बेरहमी से मारा गया है। जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। इस दौरान एक सपाही उन्हें मॉर्चुरी से बाहर निकालने पहुंचा, तो लोगों ने उससे धक्का-मुक्की शुरू कर दी। एक बूढ़ी महिला सिपाही को मारने लगी, तब सिपाही वहां से चला गया।
मौत की वजह बताई जाती है बीमारी
बताया जा रहा है कि, सुंदरजीत की मौत बीमारी की वजह से हुई है। जेल प्रबंधन ने उसके बैरक का सीसीटीवी फुटेज भी चेक किया। फुटेज में सुंदरजीत सुबह सवा 6 बजे लॉकर खुलने के बाद उठा है। वो बाहर निकाला और फिर अपने बिस्तर की ओर जाने लगा। तभी अचानक बेहोश होकर गिर गया।
डॉक्टर ने इलाज किया और उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन सवा 8 बजे उसकी मौत हो गई।