छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पटाखा गोदाम में भीषण आग लगी है। देखते ही देखते आग की लपटें तेजी से उठने लगीं। कुछ ही देर में गोदाम में रखे पटाखे फूटने लगे। भीषण आग से आस-पास अफरा-तफरी मच गई है। बताया जा रहा है कि अवैध रूप से पटाखों को डंप कर रखा गया था। मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है। वहीं आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम और तोरवा पुलिस मौके पर पहुंची है। आग बुझाना शुरू किया। आस-पास का इलाका धुआं-धुआं हो गया। 8 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है।
धमाकों से गूंजा मोहल्ला, 2 गाड़ियों में पटाखा लाया गया था
मंगलवार की सुबह जब पटाखा दुकान से धुआं उठने लगा और आग की लपटें उठने लगी, जिसके बाद आग की लपटों ने पटाखों को चपेट में ले लिया। देखते ही देखते पटाखे फूटने लगे।
पटाखों की गूंज सुनकर मोहल्ले के लोग दहशत में आ गए और घर से बाहर निकल गए। बताया जा रहा है कि 2 गाड़ियों में पटाखा लाया गया था।
पटाखा गोदाम की कई बार की जा चुकी शिकायत
वहीं स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी है। उनका कहना है कि पटाखा गोदाम की प्रशासन को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कभी किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। यहां कभी भी किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।
हमेशा हादसे की बनी रहती है आशंका
दरअसल, पटाखे के भंडारण के लिए सुरक्षा मानकों का पालन कराने कड़े नियम कायदे हैं। रिहायशी क्षेत्र में तो किसी भी सूरत में पटाखे का भंडारण नहीं किया जा सकता है, लेकिन शहर के कई हिस्से में पूरे साल पटाखे बिकते हैं।
इनके गोदाम घर के बीच में है। इससे हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।
रिहायशी इलाकों में कई दुकानें और गोदाम, जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति
बिलासपुर के खपरगंज से लेकर मध्यनगरी चौक, टेलीपारा के सरजू बगीचा, जूना बिलासपुर, तारबाहर और हेमूनगर के साथ ही चांटीडीह सहित कई मोहल्लों में दुकान और गोदाम हैं।
दशहरा और दिवाली पर्व के नजदीक आते ही पटाखों का भंडारण किया गया है, लेकिन जिम्मेदार अफसर दुकान और गोदामों की जांच ही नहीं करते। केवल खानापूर्ति जारी है, जिसके कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
पटाखा दुकान और गोदाम का लाइसेंस है
जगमल चौक के पास मेनरोड में पटाखा दुकान और गोदाम पिछले लम्बे समय से संचालित है। दुकान संचालक सोनू सतलेचा और संदीप सतलेचा का दावा है कि पटाखा दुकान और गोदाम के लिए बकायदा उनके पास लाइसेंस है।
हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन के अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर उसे लाइसेंस कैसे दे दिया।
यह भी कहा जा रहा है कि प्रावधान के अनुसार दुकान के लिए कम आवाज और रोशनी वाले पटाखे का लाइसेंस दिया गया है, लेकिन वहां नियम को ताक पर रख कर गोदाम बना लिया गया।
पटाखे रखने की उचित व्यवस्था नहीं थी
बताया जा रहा है कि गोदाम के अंदर पटाखे रखने की उचित व्यवस्था नहीं थी। अग्निशमन यंत्र भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं थे।
मानकों के अनुसार पटाखे रखने और बनाने का स्थान बस्ती और मुख्य सड़क से दूर होना चाहिए। आस-पास कोई रिहायशी मकान नहीं होना चाहिए।
दुकान और गोदाम के लाइसेंस की जांच की जाएगी
तोरवा टीआई राहुल तिवारी का कहना है कि अभी आग को काबू में कर लिया गया है। दुकान और गोदाम के लाइसेंस की जांच की जाएगी। जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।