बिलासपुर में करोड़ों रुपए कीमती सरकारी और निजी जमीन में हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। जिले के पचपेड़ी के तत्कालीन नायब तहसीलदार ने पूरा खेल किया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने इसकी जांच कराई तब गड़बड़ी का राज खुला है। मामले को दबाने के लिए दफ्तर से रिकार्ड भी गायब कर दिया है। अब कलेक्टर ने नायब तहसीलदार के निलंबन के साथ ही FIR कराने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, पचपेड़ी तहसील के ग्राम भुरकुंडा की रहने वाली गौरीबाई और अन्य ने अपनी 9 एकड़ 44 डिसमिल जमीन को विक्रम सिंह के नाम पर दर्ज करने की शिकायत कलेक्टर से की थी। कलेक्टर अवनीश शरण ने मामले को गंभीरता से लिया।
निस्तारी भूमि पर कर चढ़ा दिया गया कब्जा
टीएल की बैठक में नजूल अधिकारी एवं संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू को जांच के निर्देश दिए। उन्होंने जमीन का पटवारी प्रतिवेदन मंगाई, तब पता चला कि रिकार्ड में निस्तारी भूमि है। जिसे धनगवा निवासी विक्रम सिंह पिता हेमलाल निवासी धनगवा के नाम दर्ज कर दिया गया है।
नायब तहसीदार ने सरकारी जमीन में की हेराफेरी
जांच में पता चला कि 24 सितंबर 2021 को एक ज्ञापन जारी कर हल्का पटवारी को 7 दिनों में बी–1, खसरा समेत पालन– प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, जिसके बाद तत्कालीन नायब तहसीदार रमेश कुमार कमार ने पटवारी नको रिकार्ड दुरस्त करने का आदेश जारी कर दिया।
इस मामले की जांच के दौरान तत्कालीन नायब तहसीलदार ने प्रकरण की सत्यापित दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराया।
दफ्तर से गायब है मूल फाइल
मामले की जांच के दौरान पचपेड़ी के तहसीलदार से भी जानकारी ली गई। तब उन्होंने बताया कि प्रकरण कार्यालय में उपस्थित नहीं होने और मूल प्रकरण के भौतिक रूप से कार्यालय में नहीं होने की जानकारी दी गई। स्पष्ट है कि सुनियोजित तरीके से फाइल ऑफिस से गायब कर दिया गया है।
विवादित जमीन को बैंक में रख दी गिरवी
जांच में यही भी पता चला है कि अनावेदक विक्रम सिंह ने जमीन अपने नाम पर दर्ज कराने के बाद उसे रायपुर के एक्सिस बैंक में बंधक रखकर लोन ले लिया है। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि लोन की राशि संबंधित व्यक्ति से जमा कराई जाए।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में पदस्थ है नायब तहसीलदार
जांच में पता चला है कि नायब तहसीलदार ने गांव की गौरीबाई और अन्य की 9 एकड़ 44 डिसमिल जमीन के साथ ही निस्तारी भूमि के रिकार्ड में हेराफेरी कर निजी व्यक्ति के नाम पर दर्ज कर दिया है। तत्कालीन नायब तहसीलदार रमेश कुमार कमार वर्तमान में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पदस्थ हैं।
उन्होंने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर सरकारी भूमि को निजी भूमि के रूप में दर्ज करने का आदेश पारित किया था।
जांच रिपोर्ट पर कलेक्टर ने दिए ये आदेश
- कलेक्टर अवनीश शरण ने जांच रिपोर्ट के आधार पर मस्तूरी एसडीएम को प्रथम दृष्टया पचपेड़ी के तत्कालीन नायब तहसीलदार रमेश कुमार कमार का दोष परिलक्षित होता है, इसलिए रमेश कुमार कमार तहसीलदार खिलाफ FIR कराई जाए।
- अनावेदक विक्रम सिंह पिता हेमलाल के उक्त नामांतरण पर पुनर्विचार कर निरस्त कर शासकीय भूमि एवं अन्य विधिक भू– स्वामी के नाम पर दर्ज की जाए।
- यह भी सुनिश्चित करें कि मामले के संपूर्ण विधिवत निराकरण होने तक पभूमि का विक्रय ना हो।
- उक्त खसरों के धान पंजीयन, धान विक्रय पर तत्काल रोक लगाई जाए।