रायपुर: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य परियोजना कार्यालय में एक भ्रष्ट अधिकारी पर एक करोड़ के गोलमाल का गंभीर आरोप लगा है ! समग्र शिक्षा में 2019 में प्रतिनियुक्ति में सहायक संचालक बने अजय देशपांडे के विरुद्ध ये यह गंभीर आरोप एक एनजीओ द्वारा लगाया गया है !
एनजीओ “प्रनाम” ने सबूत के साथ अजय देशपांडे के विरुद्ध आरोप लगाया गया है कि उनके देखरेख में व्यावसायिक विद्यालयों के लैब बनाने के लिए केंद्र द्वारा प्राप्त 1 करोड़ की हेरा फेरी की गई है ! प्रबंध संचालक और मीडिया को उपलब्ध कराए गई एक सूची में प्रणाम की ओर से दावा किया गया है कि अनेक स्थानों पर लैब का निर्माण नहीं हुआ है और केंद्र सरकार की करीब 1 करोड़ की राशि का घोटाला हो गया है !
जिसके कारण आज उन विद्यालय के विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान नहीं मिल पा रहा है।
छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों के स्कूलों के नाम और सूची में दर्ज है जहां लैब नहीं बना है और लैब का पैसा हजम कर लिया गया है ! मुख्यमंत्री विष्णु देव शाह के निर्वाचन जिले जशपुर के तीन विद्यालयों का नाम भी सूची में दर्ज है जहां 3 लैब नहीं बना है !
सबसे हैरानी की बात यह है कि भ्रष्टाचार के आरोपी अजय देशपांडे को कार्यमुक्त करने का भी पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी होने के बावजूद उन्हें पद से नहीं हटाया गया ! इससे जाहिर होता है कि जोड़ जुगाड़ से भूपेश बघेल के शासनकाल में प्रति नियुक्ति सहायक संचालक बने अजय देशपांडे का जुगाड़ अभी भी काफी मजबूत है !
“राष्ट्रबोध” के द्वारा आगामी दिनों ग्राउंड जीरो पर जाकर कागज और फाइलों दर्ज ऐसे व्यावसायिक लैब की वीडियो और फोटो प्रस्तुत की जाएगी जिनका फर्जी भुगतान भी हो गया है ! साथी अजय देशपांडे को बचाने वाले अधिकारी और नेताओं की भी पड़ताल रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी !