छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक बदमाश को बस्ती के लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। महिलाओं सहित 25-30 लोगों ने मिलकर तलवार, कुल्हाड़ी और डंडों से उस पर हमला कर दिया। इसके बाद खुद पुलिस को सूचना दी। मामला पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, मारे गए आरोपी बदमाश की पहचान हथखोज बस्ती निवासी सुरेंद्र विश्वकर्मा उर्फ आशिक (27) के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही 26 लोगों को हिरासत में लिया है।
कैसे हुआ विवाद?
दरअसल, रविवार शाम 5 बजे के करीब सुरेंद्र विश्वकर्मा उर्फ आशिक बस्ती के पास ही स्थानीय निवासी प्रमोद गबेल नाम से मिला। उसने प्रमोद को रोका और शराब पीने के लिए पैसे मांगे। आरोप है कि प्रमोद ने पैसा ना होने की बात कही तो सुरेंद्र उसे बुरी तरह पीटा और भगा दिया।
थोड़ी देर बाद प्रमोद अपने साथी बहादुर और रामायण के साथ लौटा। उन्होंने सुरेंद्र से कहा कि वे शराब के लिए पैसा लाए हैं। इस तरह बस्ती के लोगों से मारपीट मत किया करो। सुरेंद्र ने पैसों से शराब मंगाई और तीनों से कहा कि वे लोग भी साथ बैठकर शराब पिएं। इसके बाद सभी ने शिव मंदिर के पास साथ बैठकर शराब पी।
तलवार से हमला करने पर जमकर पीटा
शराब पीने के बाद तीनों जैसे ही वहां से जाने लगे तो आरोप है कि सुरेंद्र ने तलवार निकाली और बहादुर पर हमला कर दिया। इस पर प्रमोद ने बहादुर को धक्का दिया और वह भाग निकला। इसके बाद तीनों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर पहले से ही घात लगाए बैठे कॉलोनी के करीब 25-30 लोग वहां पहुंच गए।
बताया जा रहा है कि इसमें करीब 10-15 महिलाएं भी थीं। सभी के हाथ में लाठी, कुल्हाड़ी, दरांती जैसे हथियार थे। पहुंचते ही उन्होंने सुरेंद्र पर हमला कर दिया। कुल्हाड़ी आंख के ऊपर और तलवार सिर के पिछले हिस्से में लगी, जिससे सुरेंद्र उर्फ आशिक वहीं गिर पड़ा।
बस्ती वालों ने पहले से बना ली थी हत्या की प्लानिंग
पुलिस का कहना है कि सुरेंद्र उर्फ आशिक का इतना आतंक हो गया था कि बस्ती के लोग काफी परेशान थे। प्रमोद गबेल से मारपीट के बाद ही परिवार और बस्ती वालों ने हत्या की साजिश रची थी। आशिक चोर को मरा समझने के बाद बस्ती के लोगों ने खुद पुलिस को देर रात फोन किया।
बस्ती के लोगों ने खुद किया पुलिस को फोन
सीएसपी हरीश पाटिल का कहना है कि पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को सुपेला अस्पताल लेकर गई। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे दुर्ग जिला अस्पताल भेजा गया। वहां पहुंचते ही आशिक ने दम तोड़ दिया। इसके बाद शव को मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया है।
पुलिस लगा रही असली आरोपियों का पता
सीएसपी हरीश पाटिल का कहना है कि हत्या की वारदात को अंजाम करीब 25-30 लोगों ने दिया है। पुलिस 26 लोगों से पूछताछ कर रही है। इसमें 10 महिलाएं भी हैं। पुलिस उनसे ये पूछ रही है कि आखिर तलवार और कुल्हाड़ी या अन्य घातक हथियार किसने चलाया है। इसके बाद पुलिस मामला दर्ज करेगी।
मृतक सुरेंद्र विश्वकर्मा के खिलाफ 15 मामले दर्ज
छावनी सीएसपी हरीश पाटिल ने बताया कि मृतक सुरेंद्र विश्वकर्मा के खिलाफ पुरानी भिलाई थाने में लगभग 15 मामले दर्ज हैं। वह कभी भी शराब के लिए पैसे मांगना, रोककर अवैध वसूली करना, मारपीट करना, चाकू चला देना, चोरी करना जैसे अपराधों को अंजाम देता था।