इलाज की बढ़ रही सुविधाएं : खाड़ी-पड़ोसी देशों से आ रहे मरीज; 4 साल में 2 हजार से ज्यादा विदेशी मरीजों का हो चुका है इलाज…!!

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रायपुर मेडिकल टूरिज्म के केंद्र के रूप में उभर रहा है। इलाज की आधुनिक सुविधाएं, विशेषज्ञ डॉक्टरों की वजह से दूसरे देशों में रायपुर का इलाज अपनी छाप छोड़ रहा है। यही वजह है कि 4 साल में राजधानी में 2000 से ज्यादा मरीजों ने विदेश से आकर यहां इलाज करवाया है।

फिलहाल जिन जो विदेशी आ रहे हैं, वे कैंसर, हार्ट, लिवर, किडनी से जुड़ी जटिल गंभीर बीमारियां से जूझ रहे हैं। शीर्ष 10 अस्पतालों के आंकड़ों के मुताबिक औसतन 700 विदेशी मरीज यहां हर साल आ रहे हैं। कैंसर, हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे विदेशी लोगों का इलाज शहर के एक्सपर्ट डॉक्टर विदेशों में जाकर कर रहे हैं। कोरोना में रायपुर में स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से आधुनिक हुई हैं। रोबोटिक सर्जरी तब ही शुरू हुई थी। इसके अलावा केडेवर ट्रांसप्लांट भी।

निजी के अलावा सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार उसी दौरान हुआ। अभी पड़ोसी देशों बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान, पाकिस्तान के अलावा खाड़ी देशों, मिडिल ईस्ट और अफ्रीकी देशों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अब तो यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका से भी मरीज आने लगे हैं।

जानकार बताते हैं कि विदेश में इलाज महंगा है। ऐसे जिनके पास वहां हेल्थ इंश्योरेंस नहीं होता है। वो सस्ते और अच्छे इलाज के लिए हमारे यहां आते हैं। रायपुर में आज देश के अन्य राज्यों से मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। यहां का हेल्थ सेक्टर लगातार ग्रो कर रहा है। इसके अलावा रोबोटिक सर्जरी ने एक्यूरेसी में सुधार कर इलाज बेहतर बनाया है। ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में भी यहां अब सुविधाएं बढ़ चुकी हैं।

कैंसर और दिल की बीमारियों के इलाज का हब बन रही राजधानी

राजधानी में अब हर तरह के कैंसर के इलाज की सुविधाएं हैं। दिल की बीमारी के इलाज, जटिल और सामान्य सर्जरी के लिए भी मरीज यहां आ रहे हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि रायपुर में एक साल में अब 350-400 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी हो रही हैं। एडवांस लेप्रोस्कोपी सर्जरी, सभी कैंसर सर्जरी, हार्ट किडनी लिवर के ऑपरेशन जैसी सुविधाएं भी यहां हंै।

जिसमें 35 लाख खर्च, रायपुर में वो आधे में

जानकारों की मानें तो विदेशी मरीजों को रायपुर में किफायती इलाज मिल रहा है। जैसे लिवर के ट्रांसप्लांट के लिए मेट्रो शहरों में जहां 30-35 लाख रुपए तक का खर्च आता है। यही रायपुर में 15 से 18 लाख रुपए में हो जा रहा है। हार्ट का मेट्रो शहरों में जहां इलाज 5 लाख तक में होता है। वो हमारे यहां डेढ़ से ढ़ाई लाख में हो जा रहा है।

इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू करना जरूरी

अभी जो मरीज हमारे यहां इलाज के लिए आते हैं। उनमें अधिकांश ऐसे होते हैं जिनके रिश्तेदार यहां रहते हैं। या फिर वो पहले यहां रहते थे, अभी विदेश में जाकर बस गए हैं।

जानकार बताते हैं कि रायपुर में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है कि यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट जल्दी से बनाया जाए। ईस्ट और वेस्ट के मरीजों को यहां आने के लिए सीधे कनेक्टिविटी मिले इसके लिए सिंगापुर बैंकाक से रायपुर को फ्लाइट से सीधा जोड़ना बेहद जरूरी है। अभी ज्यादातर ईस्ट और वेस्ट के मरीज मुबंई दिल्ली भी इसलिए जा रहे हैं। इसके अलावा टूरिज्म के लिहाज से इंफ्रा स्ट्रक्चर को बढ़ाने की जरूरत है।

स्वच्छता के साथ सुरक्षित माहाैल जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि हमें प्रदेश में विदेशी मेहमानों के लिए मुफीद माहौल बनाना होगा। इसमें अस्पतालों के आसपास सफाई के स्तर में बड़ा सुधार करना होगा। अस्पतालों के आसपास खाने की चीजें हाईजिनिक नहीं रहती है। इस कमी को दूर करना सबसे ज्यादा जरूरी है, क्यों​कि पर्यटक इससे खासे खफा रहते हैं।

मेहमान सुरक्षित महसूस कर सकें, ऐसा माहौल देना होगा। वहीं, उनकी आवाजाही के लिए लोकल ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाना होगा, जिसमें ड्राइवर ऐसे हों, जो बोलचाल लायक अंग्रेजी का ज्ञान रखते हों। विदेशियों से व्यवहार को लेकर भी ट्रेनिंग देनी चाहिए, ताकि वे हमारी छवि को अपने देश में बेहतर बता सकें।

रायपुर में खुलेंगे 5 नए अस्पताल, क्षमता 500 बिस्तर तक होगी

रायपुर में 400 से 500 बिस्तर वाले पांच नए बड़े अस्पताल खुलने जा रहे हैं।टॉप कॉर्पोरेट अस्पताल भी यहां आ रहे हैं, जिनका फोकस विदेशों मरीजों पर रहेगा। मेडिकल टूरिज्म के लिए ये आर्दश स्थिति रहेगी। रायपुर के बड़े अस्पताल विदेश मंत्रालय की हील इन इंडिया पोर्टल से जुड़े है। जो विदेशी मरीजों को सुविधाएं मुहैया करवाता है। अस्पतालों ने जेसीआई यानी अमेरिका के जॉइंट कमीशन इंटरनेशनल से एक्रीडेशन के लिए अप्लाई किया है।

टूरिज्म की जानकारी आसानी से मिले

हमारे प्रदेश के पर्यटन स्थलों को विदेशी एक्सप्लोर कर सकें। इसका प्रचार-प्रसार करना होगा। साथ ही वेबसाइट पर अपडेट किया जाए। हालांकि इसे लेकर केंद्रीय पर्यटन विभाग की तर्ज पर राज्य में पर्यटन विभाग अपनी ने पहल की है। वह वेबसाइट में ट्रांसप्लांट और गंभीर बीमारियों का इलाज करने वाले अस्पतालों को सूची देगा।

मेडिकल टूरिज्म में उभर रहा छत्तीसगढ़ ^मेडिकल टूरिज्म तेजी से उभरता क्षेत्र है, जिसे बढ़ावा देने के लिए हम निजी अस्पतालों के साथ मिलकर काम करेंगे। -श्यामबिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़

रोजगार की संभावनाएं बढ़ने के आसार छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में नई पहचान बनाई है। मेडिकल टूरिज्म के जरिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस दिशा में हम हर मुमिकन पहल कर रहे हैं। -मनोज पिंगुआ, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य

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