रायपुर जेल में बंद गैंगस्टर अमन साव झारखंड से विधानसभा चुनाव लड़ेगा। उसके वकील ने इसकी जानकारी दी है। अमन साव को शनिवार को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था। फिलहाल कोर्ट ने उसे 28 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वकील हेमंत कुमार ने कहा कि, हमने कोर्ट में जज के सामने अपनी बात रखी है। अमन बड़का गांव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता है। चुनाव का नामांकन दाखिल करने के लिए उसे झारखंड ले जाना होगा। हालांकि अभी कोर्ट ने आदेश नहीं दिया है।
अमन साव के वकील हेमंत कुमार ने क्या कहा
हम कुछ डॉक्यूमेंट भी लेकर आए थे जिसे वेरीफाई किया जा सके। चुनाव को लेकर हमारे पास समय बहुत कम है हमें कोर्ट से परमिशन भी लेनी होगी। फिलहाल अमन छत्तीसगढ़ में है। पुलिस उसे झारखंड ले जाकर नॉमिनेशन फाइल करवाती है या नहीं, इसके लिए हमें झारखंड हाई कोर्ट से परमिशन लेनी होगी। इसके अलावा झारखंड में दो अन्य मामलों में अमन साहू की सुनवाई चल रही है। उन मामलों में भी अगर स्टे मिलता है तो बड़का विधानसभा से चुनाव लड़ना संभव हो जाएगा।
रायपुर जेल में बंद है अमन साव
दरअसल, शनिवार को रायपुर कोर्ट में अमन साव को पेश किया। जहां से कोर्ट ने उसे 28 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। अब वो रायपुर सेंट्रल जेल में बंद रहेगा। इसके पहले पुलिस को गंज थाने के एक मामले में पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड मिली थी।
14 अक्टूबर को रायपुर लाई थी पुलिस
40 पुलिसकर्मियों की टीम अमन साव को झारखंड से प्रोडक्शन वारंट पर 14 अक्टूबर को रायपुर लेकर आई थी। कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल की कार पर फायरिंग केस में अमन साव मुख्य आरोपी है। 13 जुलाई को अमन के गुर्गों ने फायरिंग की थी।
इस गोलीकांड में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में PRA कंस्ट्रक्शन नाम से ऑफिस है जहां फायरिंग हुई थी। इसके बाद से अमन को रायपुर लाने की तैयारी चल रही थी।
पांचवीं बार में मिली सफलता
अमन साव को रायपुर प्रोडक्शन वारंट में लाने पर रायपुर पुलिस को पांचवीं बार में सफलता मिली है। इससे पहले चार बार रायपुर पुलिस के अधिकारी प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मांग कर चुके थे, लेकिन हर बार उनकी मांग को नकार दिया जाता था।
झारखंड के कई जिलों में फैला है साव गैंग का नेटवर्क
रिपोर्ट्स के अनुसार, अमन साहू के गिरोह के पास एडवांस हथियार हैं। अमन साव का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है। साव के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते हैं।
9 मई 2023 को एनटीपीसी कोल परियोजना की आउटसोर्स कंपनी ‘ऋत्विक’ के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या भी अमन साव ने कराई थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, शरद कुमार से 60 करोड़ की रंगदारी की मांग की गई थी। मांग पूरी नहीं करने पर हत्या कर दी गई। इसके अलावा गिरिडीह जेल के जेलर पर फायरिंग के आरोप भी अमन साव पर लगे थे।
लेवी-रंगदारी के लिए कुख्यात, बिश्नोई से संबंध
अमन साव गिरोह के कई सदस्य कोयला कारोबारियों, बिल्डरों, ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं। अमन खुद भी खुलासा कर चुका है कि उसका लॉरेंस बिश्नोई से संबंध है। झारखंड और रायपुर पुलिस के अलावा अमन साव गिरोह के खिलाफ एनआईए भी जांच कर रही है।
साव गैंग में 145 गुर्गे, 250 से अधिक हथियार
9 महीने पहले CID ने ATS को जो रिपोर्ट सौंपी थी उसके अनुसार अमन साव के गिरोह में 145 गुर्गे हैं। इनमें 99 जेल से बाहर हैं। अमन के जेल जाने के बाद गैंग को मयंक सिंह अमन के ही गाइडेंस पर चला रहा है।
मयंक मूल रूप से यूपी के देवरिया का रहने वाला है। इस गैंग के पास 5 एके-47 सहित 250 से ज्यादा हथियार हैं। अमन साव गिरोह के पास 250 से अधिक हथियार हैं। जिसमें 9 कार्बाइन, 70 देसी कट्टा और 166 पिस्टल हैं। ये आंकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं।