छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक युवक ने शिव मंदिर में रखे त्रिशूल से अपनी दादी की हत्या कर दी। हत्या के बाद दादी के खून से शिवलिंग का अभिषेक किया। फिर वहां मंत्र लिखा और उसी त्रिशूल को अपने गले में मार लिया। मामला नंदनी थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक की पहचान ननकट्टी निवासी गुलशन बन गोस्वमी (35) के रूप में हुई है। गुलशन के माता-पिता रायपुर के रावण भाठा क्षेत्र में रहते हैं। वह दुर्ग में अपनी दादी रुक्मणि गोस्वामी (70) के साथ रहता था।
पुलिस ने युवक को अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा हा है कि अंध विश्वास के चलते गुलशन ने ऐसा कदम उठाया है। फिलहाल आरोपी के होश आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
घर से लगा हुआ ही है शिव मंदिर
बताया जा रहा है कि गुलशन के घर से लगा हुआ ही शिव मंदिर है। उसी मंदिर में गुलशन रोज पूजा करता और रहता था। आरोप है कि शनिवार देर शाम करीब 7 बजे गुलशन ने मंदिर में रखा त्रिशूल उठाया और उससे दादी के सिर पर वार कर दिया। इसके चलते रुक्मणि की मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद गुलशन ने वहां पड़ा खून उठाया और उससे शिवलिंग का अभिषेक किया। फिर गर्भगृह को उसी खून से लीप दिया और ‘शिव यहीं हैं’ ऐसा कुछ लिखकर उसी त्रिशूल को अपने गले में मार लिया। स्थानीय लोगों ने दादी-पोते को खून से लथपथ देखा तो सूचना पुलिस को दी।
दादी का हाथ-पैर बांधा और फिर की हत्या
गुलशन पहले से ही अपनी दादी की हत्या की साजिश रच चुका था। हत्या से पहले उसने दादी का हाथ-पैर कुर्सी से बांध दिए। इसके बाद त्रिशूल लाकर उससे हमला कर दिया। दादी की जब तक मौत नहीं हो गई वो वहीं खड़ा उसे तड़पता देखता रहा।
आरोपी ने उसी त्रिशूल से अपनी जान लेने की भी कोशिश की। गले में गहरा वार करने से उसका खून अधिक बह गया और वह मंदिर में ही बेहोश होकर गिर गया। पुलिस ने उसे गंभीर हालत में नंदिनी अस्पताल भेजा। वहां से चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज कचांदुर रेफर किया गया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी घायल हालत में वहीं पड़ा था। उसे तुरंत उपचार के लिए भेजा गया। पुलिस की पहली जांच में मामला अंधविश्वास का लगता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी के होश में आने और उसके बयान के बाद ही पूरी हकीकत पता चल पाएगी।