रायपुर दक्षिण उपचुनाव: कांग्रेस का कार्यकर्ता सम्मेलन आज
रायपुर दक्षिण उपचुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस पार्टी आज कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस बैठक के माध्यम से वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं और प्रभारियों से जमीनी फीडबैक लेंगे, ताकि चुनावी रणनीति को मजबूती दी जा सके। सम्मेलन में दक्षिण क्षेत्र की सभी बूथ कमेटियों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे, जिनके बीच पार्टी की अगली रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी और नए प्रभारियों का मार्गदर्शन
इस अहम सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के साथ तीनों नए प्रभारी सचिव – एसए संपत कुमार, जरिता लैतफलांग और विजय जांगिड़ शामिल होंगे। इन नेताओं का मकसद कार्यकर्ताओं के विचारों को समझना और उन्हें चुनावी तैयारियों के लिए प्रेरित करना होगा।
कार्यकर्ताओं को मिलेगी जिम्मेदारी, दावेदार आएंगे सामने
सम्मेलन में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया जाएगा, जिसमें बूथ स्तर पर जवाबदारी सौंपने की योजना है। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत के संकल्प से जोड़ने की दिशा में भी काम किया जाएगा। रायपुर दक्षिण से दावेदारी करने वाले संभावित नेता भी इस सम्मेलन में अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
आशीर्वाद भवन में आयोजन, बड़े नेताओं की उपस्थिति
यह महत्वपूर्ण सम्मेलन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक आशीर्वाद भवन में आयोजित होगा। आयोजन की तैयारियों की जिम्मेदारी जिला शहर कांग्रेस कमेटी ने संभाली है। शहर के प्रमुख कांग्रेस नेता भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे और चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति और आत्मविश्वास
रायपुर दक्षिण की बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस सभी संभावनाओं पर गौर कर रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल द्वारा विधानसभा चुनाव न लड़ने और केंद्र में मंत्री पद न मिलने से कांग्रेस इस सीट को लेकर अतिरिक्त आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है। उपचुनाव विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है, जहां कांग्रेस को सीधे सरकार से मुकाबला करना होगा।
केवल एक सीट पर हो रहा उपचुनाव
लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा से टिकट मिलने और उनकी ऐतिहासिक जीत के बाद, रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट खाली हो गई थी। यह सीट 21 जून को आधिकारिक रूप से रिक्त घोषित की गई, जब बृजमोहन ने 17 जून को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। अब कांग्रेस इस उपचुनाव को जीतने के लिए बूथ कमेटियों के गठन और उनकी समीक्षा में जुटी है, ताकि वास्तविक कार्यकर्ताओं की पहचान सुनिश्चित की जा सके।
कांग्रेस ने उपचुनाव के मद्देनजर अपनी रणनीति तेज कर दी है और इस सीट पर जीत को लेकर गंभीर है।