’12वीं फेल’ के रियल हीरो आईपीएस मनोज कुमार शर्मा बुधवार को रायपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नालंदा परिसर का दौरा कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से मुलाकात की। उनका हौसला बढ़ाया। नालंदा परिसर की 24×7 लाइब्रेरी देखकर वे बेहद खुश हुए। IPS मनोज शर्मा ने कहा कि, अद्भुत, मैंने इतनी अच्छी लाइब्रेरी कभी नहीं देखी। इतने सारे बच्चे कितनी मेहनत कर रहे हैं। अद्भुत विचार है। हमेशा का इसका भरपूर उपयोग करो। उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्थाएं बच्चों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करती है।
स्टूडेंट को किया मोटिवेट
मनोज शर्मा ने नालंदा परिसर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों से मुलाकात की। उनका उत्साहवर्धन कर मोटिवेट किया। बच्चे उनका ऑटोग्राफ और सेल्फी लेने के लिए उमड़ पड़े। IPS मनोज शर्मा ने सभी स्टूडेंट्स के साथ सेल्फी खिंचाई। इस दौरान रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, एसएसपी संतोष सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे थे।
कौन हैं IPS मनोज कुमार शर्मा
IPS मनोज कुमार शर्मा 12वीं में फेल हुए थे। इसके बाद वह निराश नहीं हुए और कठिन परिस्थितियों में तैयारी जारी रखी। कड़ी मेहनत के बाद IPS बने। शर्मा के जीवन पर ही किताब 12th फेल लिखी गई है। इसे डॉ. अनुराग पाठक ने लिखा है।
मनोज शर्मा मूलत: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के जौरा तहसील के रहने वाले हैं। उनके जीवन पर 12th Fail फिल्म भी कुछ दिनों पहले बनी जिसे लोगो ने खूब पसंद किया। फिल्म में दिखाया गया है कि एक छोटे से गांव का लड़का 12वीं में फेल हो गया, क्योंकि उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता था। इसी लड़के ने देश के सबसे टफ एग्जाम में से एक यूपीएससी क्रेक किया और IPS बना।
नालंदा परिसर की लाइब्रेरी से जुड़ी अहम जानकारियां
प्रदेश के युवाओं को संघ लोक सेवा आयोग सहित समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने या बेहतर प्रदर्शन करने के लिए रायपुर में 6 एकड़ में विश्व स्तरीय भवन तैयार किया गया है। इस परिसर को ”नालंदा परिसर” नाम दिया गया। एनआईटी के पास आयुर्वेदिक कॉलेज के सामने यह परिसर बनी है।
सातों दिन 24 घंटे संचालित है संस्थान
जिला खनिज न्यास निधि से 15.21 करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से 2.44 करोड़ की राशि के जरिए रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इसका निर्माण किया था। यह 24 घंटे और सातों दिन संचालित होने वाला देश का अनूठा शैक्षणिक संस्थान साबित हुआ है।
एक हजार स्टूडेंट्स के पढ़ने की व्यवस्था
नालंदा परिसर में ऑक्सी रीडिंग जोन में पढ़ने के लिए इंडोर और आउट-डोर रीडिंग की व्यवस्था की गई है। नालंदा परिसर में एक समय पर एक हजार लोग एक साथ अध्ययन कर सकते हैं। इंडोर अध्ययन के लिए जी प्लस टू टॉवर ‘यूथ टॉवर’ के नाम से मौजूद है। इस टॉवर के भूतल में लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है।
लाइब्रेरी में 50 हजार पुस्तकें
1.5 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विषयों से जुड़ी 50 हजार पुस्तकें इस लाइब्रेरी के लिए खरीदी गई है। पूरी तरह से वातानुकूलित इस टावर के भूतल, प्रथम और द्वितीय तल के साथ ही इसके छत में अध्ययन के लिए आकर्षक फर्नीचर और एलईडी लाइट की समुचित व्यवस्था है।
वाईफाई की सुविधा
इस टॉवर में कांच की दीवाल और छत पूरी तरह से उष्मारोधी है। द्वितीय तल में ई-लाइब्रेरी मौजूद है। जिसमें 112 हाइटेक कम्प्यूटर जिसमें इंटरनेट के लिए 100 एमबीपीएस स्पीड की लीज लाइन लगाई गई है। जिससे युवाओं को ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी होती है। पूरा परिसर फ्री वाई-फाई जोन के रूप में विकसित किया गया।
बिजली और सुरक्षा की सुविधा
यहां 24 घंटे बिजली की व्यवस्था है। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड के साथ ही सदस्यों के प्रवेश के लिए आईडी कार्ड की व्यवस्था की गई है। नालंदा परिसर में आउटडोर अध्ययन के लिए इसके कैम्पस को बायो डायवर्सिटी युक्त गार्डन के रूप में विकसित किया गया है।