छत्तीसगढ़ में डोंगरगढ़-कटघोरा रेल लाइन के लिए 300 करोड़ स्वीकृत:खनिज ब्लॉक नीलामी, खदानों के रिकॉर्ड मेंटेन करने 83 करोड़ दिए जाएंगे….!!

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छत्तीसगढ़ में डोंगरगढ़-कटघोरा रेल लाइन के प्रारंभिक काम के लिए 300 करोड़ जारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति की 20वीं बैठक ले रहे थे। CM आवास कार्यालय में हुई इस बैठक में अलग-अलग खनिज परियोजनाओं और अधोसंरचना के लिए राशि स्वीकृत की। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद भी थे। CM ने इस बैठक में फंड्स से जुड़ी जानकारी अफसरों से ली।

बैठक में छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन को डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग के लिए भू-अर्जन और प्रारंभिक निर्माण के कामों के लिए 300 करोड़ की राशि दिए जाने की स्वीकृति दी गई। इससे इन इलाकों में ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम शुरू हो सकेगा।

रिसर्च के लिए 20 करोड़ रुपए दिए जाएंगे

बैठक में माइनिंग, रिसर्च , खनिज ब्लॉक नीलामी, खानों का आईटी आधारित रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए 83 करोड़ रुपए राशि की स्वीकृति मिली है। साथ ही यह तय किया गया है कि प्रदेश में खनिज से राजस्व को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर एक्सपर्ट रिसर्च करेंगे। इसके लिए 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

दरअसल, खनिज विभाग हर साल कुल खनिज राजस्व का 5% फंड खनिज विकास निधि मद के रूप में रखता है। इससे सलाहकार समिति की बैठक के फैसले के मुताबिक माइनिंग, सीएमडीसी, रेल और सड़क परिवहन के विकास के लिए फंड इस्तेमाल किया जाता है।

प्रदेश में जल्द ही ये रेल प्रोजेक्ट भी होंगे शुरू

  • धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा:
  • यह पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर, गुमला आदि महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है। यह उत्तरी छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ेगी। इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक (कोरबा) क्षेत्र को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है। इसके अतिरिक्त, यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची के होकर मध्य भारत से जोड़ेगी। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 16,000 करोड़ है।
  • अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन:
  • इसकी मांग आजादी से पहले 1925 में की गई थी। हालांकि, 1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद यह परियोजना अब तक अधूरी है। यह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) से जोड़ेगी और परसा, राजपुर, चंदनपुर आदि महत्वपूर्ण शहरों को कनेक्ट करेगी। इसके माध्यम से देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 9000 करोड़ है।
  • खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा :
  • यह परियोजना देश के पश्चिमी क्षेत्र में एसईसीएल और एमसीएल कोयला क्षेत्रों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है। यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बाईपास करते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 8000 करोड़ है।
  • रावघाट-जगदलपुर परियोजना (140 किमी):
  • रेलवे पहले से ही दल्ली-राजहरा-रावघाट 95 किमी नई रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने सुझाव दिया कि इस लाइन को जगदलपुर तक बढ़ाया जाए, ताकि आदिवासी क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास किया जा सके। यह परियोजना छत्तीसगढ़ के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 3500 करोड़ है।

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