दीन और दुनियावी तालीम पर जोर, मदरसा जामिया अरबिया में दो दिवसीय शैक्षणिक प्रतियोगिता का समापन

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भिलाई। मदरसा जामिया अरबिया पावर हाउस कैम्प-2 में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में दीनी तालीम हासिल कर रहे तलबा (विद्यार्थियों) के लिए शैक्षणिक स्तर की प्रतियोगिता ‘मुसाबक तालीमी मयार’ का दो दिवसीय आयोजन 23 अक्टूबर को संपन्न हुआ। इसमें अंबिकापुर,बिलासपुर, कटघोरा, रांका और भिलाई,दुर्ग सहित समूचे छत्तीसगढ़ से भागीदारी रही। प्रतियोगिता पवित्र कुरआन को सही उच्चारण के साथ पढ़ने और इससे मिलने वाली तालीम और दुनियावी जिंदगी से जुड़े सवालों पर थी।
मदरसा जामिया अरबिया के मुफ्ती सालिम हलीमी ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में दीनी तालीम व दुनियावी तालीम के मद्देनजर पहली बार मुसाबका (प्रतियोगिता) की पहल की गई। मेहमाने खुसूसी मुफ्ती नजमुद्दीन अमरावती एंव शहर काजी मुफ्ती सोहेल ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वालिदैन की जिम्मेदारी है बच्चों का अच्छा नाम, तरबियत (संस्कार) व शिक्षा तालीम का इंतेजाम करें, दीन के साथ दुनियावी तालीम भी मुहैया कराई जाए जिससे बच्चे अच्छी तालीम हासिल कर अच्छा मआशरा (समाज) बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभाए। वालिदैन (माता -पिता) को चाहिए कि बच्चों की बेहतर तालीम का बंदोबस्त करें, उन्हें अच्छी आदतें सिखाएं और अदब तहजीब के बुनियादी उसूलों पर बचपन से चलना सिखाए।
मुफ्ती नजमुद्दीन अमरावती एवं शहर काजी मुफ्ती सोहेल साहब ने कहा कि इस्लाम के आखिरी नबी हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने एक बेहतरीन जिंदगी गुजार कर लोगों के सामने मिसाल रखी है। इस तकरीर में बच्चों को मां बाप और बड़ों की इज्जत व अदब और वालिदैन को औलाद की सही तरबीयत (संस्कार) की नसीहत दी गई।
इस दौरान मुल्क में अमन- चैन, खुशहाली क़ायम करने और मुल्क व सूबा छत्तीसगढ़ की तरक्की के साथ दुनिया में अमन की दुआएं की गईं। इस दौरान दुर्ग-भिलाई के इतिहास की पृष्ठभूमि पर किताब लिखने वाले और दिगर समाजिक कार्यों में भाग लेकर अपनी समाजिक भूमिका निर्वहन करने वाले लेखक/पत्रकार मुहम्मद जाकिर हुसैन का आलिमे दीन और तमाम हाफिजे कुरआन की मौजूदगी में इस्तकबाल किया गया।

समापन सत्र की निजामत मौलाना इनामुल हसन ने की। इसके पहले पवित्र कुरान की तिलावत हाफ़िज़ कासिम हलीमी व कारी अब्दुल समद ने की। मौलाना फैसल हाउसिंग बोर्ड व मुफ्ती सालिम हलीमी ने नात शरीफ पेश की। प्रोग्राम में मौलाना मोहम्मद हाशिम, मौलाना जुनैद, मौलाना दिलशाद हाफ़िज़ रेहान, मौलाना नाजिम, हाफ़िज़ अता उल्ला, मौलाना मोईनुद्दीन, हाफ़िज़ इश्तियाक, हाफ़िज़ मोहम्मद अमीन, सदर मोहम्मद असलम, नायब सदर इमामुद्दीन पटेल सेक्रेटरी, सैय्यद असलम, ज़फ़र कुरैशी, हाफ़िज़ महफूज, निजामुद्दीन अंसारी, युसूफ सिद्दीकी, हाफ़िज़ अहमद, सोहेल, हाफ़िज़ अब्दुल समद, अब्दुल अलीम, तमयुजुदीन पटेल असलम फलवाले, कारी अब्दुल समद, अदनान, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद अशरफ, उबैदुल्ला, अलीम, मोबिन भाई साहिल,सईद और जमीर सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।

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