राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि, सभी डॉक्टरों को अपने पेशेवर जीवन के कुछ वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों को समर्पित करने पर विचार करना चाहिए। मैं चाहती हूं कि सभी विद्यार्थियों को समय-समय पर गांवों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ले जाया जाए। राष्ट्रपति मुर्मू शनिवार को नवा रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हेल्थ साइंस एंड आयुष यूनिवर्सिटी ऑफ छत्तीसगढ़ के दीक्षांत समारोह में पहुंची थीं। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने यूजी और पीजी के 25 स्टूडेंट्स को 33 गोल्ड मेडल प्रदान किया। इससे पहले वे IIT भिलाई के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। वहां 7 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया। राष्ट्रपति ने बताया कि IIT भिलाई ने AIIMS के लिए ऐप तैयार किया है। AIIMS में AI की मदद से डॉक्टरों को मरीज की पुरानी बीमारी डायग्नोस करने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति की मौजूदगी में दिखा गर्ल पावर आयुष विवि के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा- विश्व विश्वविद्यालय और इससे संबंधित कॉलेज में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है, दोगुनी है, यह एक बड़े बदलाव का प्रमाण है। ये सुनते ही युनिवर्सिटी हॉल में बैठी गर्ल्स ने शारे मचाते हुए तालियां बजाना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा-आज के विद्यार्थी ही भविष्य का निर्माण करेंगे। दो दिनों के अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान मुझे दो इंजीनियरिंग और दो मेडिकल संस्थानों के विद्यार्थियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इस दौरान उनके आत्मविश्वास और जीवन में आगे बढ़ाने की उनकी ललक को मैंने महसूस किया है।
राष्ट्रपति ने कहा- मुझे ऐसे युवाओं में नए भारत की झलक दिखती है। नया भारत जो पूरे मजबूती के साथ विश्व में अपना ऊंचा स्थान हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहा है, उसमें वे योगदान देंगे। डॉ प्रशांत तिवारी के नाम पर हुआ मेडल अवॉर्ड जनरल सर्जरी की विश्वविद्यालय टॉपर श्वेता शर्मा डॉ. प्रशांत तिवारी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। डॉ. प्रशांत तिवारी मध्यप्रदेश के समय के फेमस सर्जन थे। दीक्षांत समारोह में डॉ. तिवारी की बेटियाँ, डॉ. प्रीति मिश्रा, विभागाध्यक्ष (एमएसडब्ल्यू और समाजशास्त्र) छत्तीसगढ़ कॉलेज, और कीर्ति तिवारी, सेवानिवृत्त महाप्रबंधक, एस.ई.सी.एल, भी उपस्थित थीं। डॉ. तिवारी ने जबलपुर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से 1964-65 में एम.बी.बी.एस किया और फिर 1971-72 में जनरल सर्जरी में एम.एस. किया। भोपाल के सबसे पुराने हमीदिया अस्पताल में 25 से अधिक वर्षों तक इन्होंने सेवा दी। भारत का फूड पैटर्न सबसे अधिक टिकाऊ
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, बीजा और धावड़ा जैसे पेड़ों के औषधीय महत्व के बारे में ग्रामीण तथा जनजातीय भाई-बहन जानते हैं। इस ज्ञान भंडार का दस्तावेजीकरण और मानकीकरण करके इन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया किख् हाल ही में प्रकाशित WWF की Living Planet Report 2024 में भारत के फूड पैटर्न को बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक टिकाऊ माना गया है। यह हमारे पारंपरिक जीवन-शैली की महत्ता को रेखांकित करता है, जिसकी शिक्षा हमें आयुर्वेद से मिलती है।
IIT ने AIIMS के साथ मिलकर बनाया ऐप
इससे पहले IIT भिलाई के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी भिलाई ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एम्स रायपुर से मिलकर मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मदद मिल रही है। 6 लाख किसान मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि आईआईटी के सहयोग से तैयार हुआ है।
यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा दी जा रही है, पिछले 6 दशकों से देश के आईआईटी संस्थान से निकले छात्रों ने देश के विकास में अपनी पहचान बनाई है।
AI की मदद से डायग्नोस होगी बीमारी
(एम्स) में डॉक्टरों को गंभीर रूप से बीमार मरीजों की कई रिपोर्ट का निष्कर्ष और इलाज प्रोटोकॉल अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से उपलब्ध होगा। एम्स के लिए IIT भिलाई ने हाईब्रिड डिजिटल हेल्थ केयर टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म स्मार्ट-ईआर विकसित किया है।
कोई रोगी जो सीने में दर्द की शिकायत लेकर आतें है तो उसके लक्षणों और शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर पता चल सकेगा कि रोगी को हार्टअटैक हुआ है या मायोकार्डियल इंफेक्शन से ग्रस्त है। इस आधार पर तुरंत ही इलाज प्रदान किया जा सकेगा।
7 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल
2023 के बीटेक स्टूडेंट शाश्वत जायसवाल, मधुर भट्ट, सत्यविक्रम प्रताप सिंह, अंजना कानन और साल 2024 बीटेक स्टूडेंट नोमान आलम खेरानी, यश टेकचंदानी, सिदाग्राम रोहित, विधि मित्तल।
31 को पुरस्कार
IIT भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने बताया कि इस बार सीनेट पुरस्कार 31 छात्रों को दिया गया। 2023 बैच में 13 पीएचडी होल्डर, 11 एमएससी, 27 एमटेक, 13 बीटेक आनर्स और 123 बीटेक स्नातक शामिल हैं। जबकि 2024 बैच में 8 पीएचडी, 20 एमएससी, 19 एमटेक, 12 बीटेक आनर्स और 150 बीटेक छात्रों को डिग्री दी गई।
महंतारी वंदन की 9वीं किस्त जारी कीं थी
पहले दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति ने महतारी वंदन योजना की 9वीं किस्त भी जारी की। 70 लाख महिलाओं के खाते में 651 करोड़ 37 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से भी चर्चा की।
एक महिला से पूछा- साड़ी खरीदी या बच्चों के लिए कुछ किया
महतारी योजना की लाभार्थी बस्तर की ममता ने उन्हें बताया कि योजना से मिले रुपयों से उन्होंने साड़ी खरीदी। राष्ट्रपति ने इस पर हंसते हुए पूछा कि सिर्फ साड़ी ही खरीदी या अपने बच्चों के लिए भी कुछ किया? वहीं अभनपुर की सत्यवती ने उन्हें बताया कि इन पैसों के मिलने से वह खुद को स्वावलंबी महसूस करती हैं।