70 हजार रुपए के लिए उतारा मौत के घाट, दिल्ली डबल मर्डर केस में पुलिस का खुलासा; रिश्तेदार था मास्टरमाइंड…

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दिल्ली के शाहदरा डबल मर्डर केस में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।

वारदात के मास्टमाइंड बताए जाने वाले 16 साल लड़के ने 70 हजार रुपए के लिए मर्डर की साजिश रची थी। इस वारदात में चाचा-भतीजे आकाश और ऋषभ की मौत हो गई जबकि आकाश का बेटा कृष घायल बताया जा रहा है।

पुलिस ने बताया कि मास्टरमाइंड लड़का आकाश का रिश्तेदार है और दोनों के बीच 70 हजार रुपए को लेकर कुछ विवाद चल रहा था। लड़का आकाश को चाचा बुलाता था लेकिन फिलहाल विवाद के चलते दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं थी।

पूछताछ के दौरान आरोपी नाबालिग लड़के ने बताया कि आकाश ने उसे 70 हजार रुपए देने का वादा किया था लेकिन बाद में वह वादे से मुकर गए। आरोपी बदला लेना चाहता था इसलिए उसने अपने दोस्त से आकाश को मरवाने के सिलसिले में बात की।

पुलिस के मुताबिक आरोपी का मेन टारगेट आकाश ही था। लेकिन चाचा को इस तरह गोली लगने के बाद आकाश का भतीजा ऋषभ हमलावरों के पीछे भागा जिससे हमलावरों ने उसे भी गोली मार दी और उसकी मौत हो गई।

घटना उस वक्त की है जब दिवाली के दिन गली नंबर एक में 40 साल के आकाश अपने 16 साल के भतीजे ऋषभ और 10 साल के बेटे आकाश के साथ पटाखे फोड़ रहे थे।

एक ने पैर छुए, दूसरे ने चला दी गोली

इसके बाद मास्टरमाइंड लड़का स्कूटी पर आकाश के पास आया और उसके पैर छूए। वहीं दूसरा शख्स वहीं खड़ा रहा। इसके बाद कुछ ही सेकेंड में दूसरे व्यक्ति ने आकाश पर गोली चला दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि इस हत्या की साजिश 16-17 दिन पहले ही तैयार की गई थी। इसके लिए लड़के ने शूटर हायर किया था। पुलिस ने आरोपी लड़के को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ चल रही है।

उधर आकाश के भाई और ऋशष के पिता योगेश ने कहा, घटना कल रात 7.30 से 8 बजे के बीच की है। स्कूटी पर सवार लड़का उनका भतीजा लगता है लेकिन दूसरे शख्स को वह नहीं जानते।उन्होंने बताया कि उनके भाई का थोड़े समय पहले किसी से पैसे को लेकर विवाद हुआ था।

फिर हमारा थाने में बैठकर फैसला हो गया था। इसके कुछ समय बाद स्कूटी पर बैठे लड़के ने पैसे देकर अपने घर पर गोली चलवाई और आरोप हमारे ऊपर डाल दिया। हमारे फोन पर वीडियो भी डाल दी गई।

हम काफी दिन अपने घर से दूर रहे। बाद में जांच के बाद हमें छोड़ा गया। उन्होंने यह भी बताया कि बाद में उन्हें धमकी भी दी जाती थी कि अगर फैसला नहीं किया तो अंजाम सही नहीं होगा।ो

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