ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर मिडिल-ईस्ट में खतरे की घंटी बजा दी है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के हालिया हवाई हमलों के जवाब में देश की सैन्य नेतृत्व को बदले की कार्रवाई की तैयारी का आदेश दिया है।
बताया जा रहा है कि खामेनेई ने यह आदेश तब जारी किया जब उन्हें ईरान में इजरायली हमलों से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई।
इजरालय द्वारा किए गए हमले में चंद ईरानी सैनिकों की मृत्यु हुई है। खामेनेई ने कहा कि ईरान को इस हमले का प्रतिशोध लेना चाहिए, नहीं तो इसे कमजोरी के रूप में देखा जाएगा।
खबरों के मुताबिक, जिन जगहों पर हमला किया जा सकता है… ईरानी सैन्य योजनाकार उन इजरायली ठिकानों की एक लिस्ट तैयार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, ईरान यह हमला इराक के रास्ते में स्थित अपने लड़ाकों के जरिए कर सकता है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस रणनीति से ईरान अपने ही क्षेत्र पर प्रत्यक्ष हमले से बचते हुए इजरायल को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकता है।
वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल की सुरक्षा के प्रति उनकी नीति में कोई ढील नहीं होगी।
नेतन्याहू ने इस हमले के बाद घोषणा की कि इजरायली वायु सेना ने ईरान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है और दावा किया कि इस हमले ने ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियारों तक पहुंचने से रोकना है।
हमने ईरान में ऐसी जगहों पर हमला किया है, जहां उन्हें उम्मीद भी नहीं थी। इजरायल को आज ईरान में कहीं भी कार्रवाई की अधिक स्वतंत्रता मिली है।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान की तरफ से हालिया हमलों के बाद कड़े प्रतिशोध की धमकी दी गई है। सूत्रों के अनुसार, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान इस हमले का जवाब अमेरिका के चुनावों के बाद दे सकता है, जबकि कुछ इसे और जल्दी होते हुए भी देख रहे हैं।
ऐसी स्थिति में मिडिल-ईस्ट में एक बार फिर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान और इजरायल के बीच यह खींचतान आगे भी जारी रहती है तो इसका असर न केवल इन दोनों देशों पर बल्कि पूरे क्षेत्र पर पड़ेगा।