अवंति विहार में एफसीआई के रिटायर्ड अधिकारी रत्नेश बनर्जी हत्याकांड में पुलिस ने संदेही का पता लगा लिया है। वह भोपाल का है। वहां से वह नौकरी करने यहां आया था। उसने बनर्जी के मकान में किराये पर कमरा लिया था। हत्याकांड के समय वह घर पर मौजूद था। पुलिस के पहुंचने के पहले वह गायब हो गया।
पुलिस को शक है कि जेवरों की लालच में उसने बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या की साजिश रची। त्योहार वाली रात उसे मौका मिला और उसने रिटायर्ड दंपत्ति पर हमला कर दिया। घटना में बुजुर्ग रत्नेश की मौत हो गई लेकिन उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। हत्याकांड का सच सामने लाने उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने रविवार को भोपाल में छापेमारी की। आरोपी अपने घर पर नहीं मिला। उसका मोबाइल भी बंद है।
पुलिस की अब तक की पड़ताल के अनुसार उसने हत्याकांड के बाद अपने किसी करीबी से संपर्क भी नहीं किया है। रत्नेश बनर्जी के मकान में हालांकि 7 किराएदार थे। उसमें से 6 किराएदारों से पुलिस ने संपर्क कर लिया है। थाने बुलाकर उन्हें बिठाया और लंबी पूछताछ की है। सिर्फ इसी संदेही से संपर्क नहीं हो पाया है। इस बीच रत्नेश बनर्जी की पत्नी और रिटायर्ड आयकर अधिकारी माया बनर्जी की तबीयत में सुधार है।
वह खतरे से बाहर हैं, लेकिन बयान देने योग्य नहीं है। पुलिस लगातार डॉक्टर के माध्यम से उसका बयान लेने की कोशिश कर रही है। क्योंकि 96 घंटे बाद भी बनर्जी दंपत्ति पर हमला की साजिश का खुलासा नहीं हुआ है। प्रारंभिक जांच में बुजुर्ग महिला के जेवर गायब मिले हैं। इसी वजह से शक है कि पैसों के लालच में बुजुर्ग की हत्या की गई। हालांकि किराए के पैसों को लेकर विवाद की वजह भी सामने आ रही है।
पुलिस अफसरों ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद रत्नेश और माया दोनों अवंति विहार में रहते थे। दोनों आसपास पड़ोस वालों से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। दोनों ज्यादातर समय घर पर ही रहते थे। किराएदारों से भी उनकी बातचीत नहीं थी।
भीड़ ने फूंका मकान, जान बचाकर भागे लोग : विधानसभा के संकरी इलाके में गुरुवार रात जुए के पैसों को लेकर दो पक्षों में विवाद के बाद मारपीट हो गई। एक पक्ष से जुड़ा युवक अपने घर चला गया। वहीं दूसरे पक्ष के लोगांे ने उसके मकान को घेर लिया। वे युवक को बाहर निकलने लिए ललकारते रहे।
जब वह बाहर नहीं निकला तो दूसरे पक्ष के लोगों ने युवक के घर में ही आग लगा दी। उस समय मकान में 7 सदस्य मौजूद थे, आग देखकर सभी जान बचाकर वहां से भागे। इसी तरह आरंग में भी एक मकान में पथराव कर दिया। राज्य में लगातार इस तरह की घटना बढ़ते जा रही है। बलौदाबाजार से लेकर कवर्धा, सूरजपुर, बलरामपुर में भी इस तरह की घटनाएं हुई है। भीड़ बेकाबू हो रही और कानून को तोड़ रही है।
डेढ़ माह पहले नौकरी करने आया था संदिग्ध पुलिस को जिस किराएदार पर हत्या का शक है, वह डेढ़ माह पहले मृतक के घर किराए पर आया था। वह प्राइवेट नौकरी करता था, लेकिन उसकी नौकरी छूट गई थी। वह डेढ़ माह से बेरोजगार था। वह घटना के दिन अपने कमरे में मौजूद था। हत्याकांड के बाद से उसका पता नहीं है। पुलिस को संदेही का नाम, पता और मोबाइल नंबर मिल गया है। उसके बाद ही छापेमारी की गई है।