अमेरिका के 3 राष्ट्रपतियों का दिल्ली से क्या है कनेक्शन? यूएस चुनाव के बीच पढ़ें रोचक इतिहास

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अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। इस बीच, भारत की राजधानी दिल्ली में अमेरिका के दो महान राष्ट्रपतियों की यादें हमेशा के लिए सहेजी गई हैं। राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में आप अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन और 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के नाम पर विकसित खूबसूरत गुलाबों को देख सकते हैं।

हाइलाइट्स

  • दिल्ली में तीन अमेरिकी राष्ट्रपति का स्थायी प्रतीक मौजूद हैं
  • फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के नाम पर दिल्ली में अमेरिका एंबेसेडर का आवास
  • अब्राहम लिंकन के नाम पर अमृत उद्यान में खिली है गुलाब की प्रजाति
नई दिल्ली: अमेरिका में आज राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए मतदान होगा। इधर, राजधानी दिल्ली में तीन अमेरिकी राष्ट्रपति सांकेतिक लेकिन स्थायी रूप से मौजूद हैं। अमेरिका के लोकप्रिय राष्ट्रपति जॉन. एफ कैनेडी वाइट हाउस में रहते हुए तो कभी भारत नहीं आए थे। पर उनके नाम पर खुशबू बिखेरता एक प्रतीक राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान (पहले मुगल गार्डन) में है।
कैनेडी नाम के गुलाब के फूलों की एक प्रजाति अमृत उद्यान के मालियों ने उनकी 1963 में हत्या के बाद विकसित की थी। कभी अमृत उद्यान जाएं तो कैनेडी की मधुर मुस्कान की तरह उनकी याद में विकसित गुलाब के गुलों को भी निहार लें। आपको अमृत उद्यान में ही अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के नाम पर विकसित गुलाब की एक प्रजाति को देखने का मौका मिलेगा। मतलब अमेरिका के दो महान राष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति भवन में स्थायी रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।

क्यों भारत नहीं आए कैनेडी

कैनेडी को 1964 के शुरू में भारत की सरकारी यात्रा पर आना था। तब उनका राजधानी में 1959 के अंत में बनी अमेरिकी एंबेसी बिल्डिंग को देखने का कार्यक्रम तय था। बीसवीं सदी के महानतम आर्किटेक्ट माने जाने वाले फ्रैंक लॉयड राइट कहते थे कि स्थापत्य की दृष्टि से अमेरिकी एंबेसी अद्वितीय है। जाहिर है, राइट की टिप्पणी के बाद कैनेडी को पता चल ही गया होगा कि नई दिल्ली में बनी अमेरिकी एंबेसी बिल्डिंग अमेरिकी आर्किटेक्ट एडवर्ड डुरेल स्टोन की रचनाधर्मिता का चरम है। पर, कैनेडी की 22 नवंबर,1963 को डलास में हत्या कर दी जाती है। उनकी अकाल मृत्यु से दुनिया स्तब्ध हो गई। इस तरह वे राष्ट्रपति पद पर रहते हुए तो भारत नहीं आ सके। वे 1955 में भारत घूमने के लिए आए थे।

राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट कहां

अमेरिका के 32वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के नाम पर है नई दिल्ली में अमेरिका एंबेसेडर का आवास। रूजवेल्ट हाउस में कला, साहित्य, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों की हस्तियों को अमेरिकी राजदूत आमंत्रित करते हैं। यह अमेरिकी दूतावास के भीतर ही है। रूजवेल्ट भी कभी भारत नहीं आए। वे भारत की आजादी को लेकर गंभीर थे। उन्हें महात्मा गांधी ने 1 जुलाई 1942 को एक पत्र लिखकर कहा था कि वे युद्ध से घृणा करते हैं और ब्रिटेन को भारत से तत्काल अपना शासन हटा लेना चाहिए। उन्होंने लिखा था, ‘भारत पर ब्रिटेन के शासन को नापसंद किया जाता है। इसलिए ब्रिटेन को भारत से तत्काल अपना शासन समाप्त कर देना चाहिए।’ इस पत्र को संदेशवाहक के रूप में गांधी जी के भावी जीवनीकार लुई फिशर अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट के पास लेकर गए थे। रूजवेल्ट ने 1 अगस्त 1942 को सकारात्मक जवाब दिया। गांधी जी ने पत्र इसलिए लिखा था ताकि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर भारत को आजादी दिलवाने में मदद करेंगे।

अगर कमला हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति बनीं और फिर वह नई दिल्ली का दौरा करती हैं, तो वह भारत का दौरा करने वाले अपने देश के डी. आइजनहावर (1959), रिचर्ड एम. निक्सन (1969), जिमी कार्टर (1978), बिल क्लिंटन (2000), जॉर्ज डब्ल्यू. बुश (2006), बराक ओबामा – 2010 और 2015, डोनाल्ड ट्रंप (2020) और जो बिडेन (2023) जैसे राष्ट्रपतियों की सूची में शामिल हो जाएंगी।

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