मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये खामियां बाहर बैठे साइबर अटैकर्स को कमजोर सिस्टम पर अपने मनचाहे कोड (code) चलाने की अनुमति दे सकती हैं, जिससे वे डिवाइस तक पहुंच बना सकते हैं और आसानी से लोगों की पर्सनल जानकारियां चुरा सकते हैं.
हैकर्स इस कमजोरी का फायदा उठाकर संवेदनशील यूजर डेटा जैसे कि पासवर्ड, बैंकिंग की जानकारी, एड्रेस और अन्य पर्सनल जानकारियों तक गैर-कानूनी तरीके से पहुंच सकते हैं. इससे वित्तीय धोखाधड़ी और अन्य सुरक्षा संबंधी जोखिमों का खतरा बढ़ सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, यह कमजोरियां क्रोम के एक्सटेंशन और V8 में “टाइप कन्फ्यूजन” (Type Confusion) जैसी अनियमितताओं से उत्पन्न होती हैं, जिससे हमलावर ब्राउज़र की सिक्योरिटी को बायपास कर सकते हैं.
किन Google Chrome वर्ज़नों पर असर?
जो यूजर गूगल क्रोम के विंडोज और मैक के 130.0.6723.69/.70 और लाइनेक्स के 130.0.6723.69 से पहले के वर्ज़न उपयोग कर रहे हैं, वे इन खामियां से प्रभावित हो सकते हैं. सभी यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे अपने क्रोम ब्राउज़र को जल्दी से अपडेट करें, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. क्रोम के लेटेस्ट 130 वर्ज़न में ये खामियां नहीं हैं.
गूगल क्रोम को वर्ज़न 130 में कैसे अपडेट करें?
Google Chrome को लेटेस्ट वर्ज़न में अपडेट करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स अपनाएं-
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- Google Chrome खोलें और टॉप राइट कोने में तीन बिंदुओं (तीन डॉट्स) पर क्लिक करें.
- Help ऑप्शन पर जाएं और About Chrome को चुनें.
- गूगल क्रोम अपने आप नए अपडेट की जांच करेगा और लेटेस्ट वर्ज़न को इंस्टॉल करेगा.
- अपडेट पूरा करने के लिए आपको ब्राउज़र को रिस्टार्ट करना होगा. यह तब करें, जब आपको ऐसा करने के लिए कहा जाए.
अपडेट करना क्यों जरूरी?
आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन डेटा की सुरक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है, खासकर जब यह पासवर्ड और बैंकिंग जानकारी जैसे संवेदनशील विवरणों की बात हो. इसीलिए, ऐसे किसी भी सिक्योरिटी अपडेट्स (security updates) को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जो आपके डेटा और गोपनीयता को सुरक्षित बना सकते हैं.