छत्तीसगढ़ के बड़े सरकारी अस्पतालों में शामिल रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में मंगलवार को आग लगने की घटना में बड़ी लापरवाही सामने आई है। आग लगने के दौरान जब फ्लोर पर लगे फायर फाइटिंग सिलेंडर से आग बुझाने की कोशिश की गई तो आग और भड़क गई। वहां फर्स्ट फ्लोर से लेकर थर्ड फ्लोर तक 20 से ज्यादा फायर फाइटिंग सिलेंडर लगे थे, लेकिन इनमें से अधिकांश एक्सपायरी मिले। लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए स्प्रिंकलर भी काम नहीं किया। फायर फाइटिंग सिस्टम काम क्यों नहीं किया? इस सवाल पर प्रबंधन पूरे मामले को हादसा बताते हुए लापरवाही छिपाने का प्रयास करता रहा।
अंबेडकर अस्पताल में 5 नवंबर की दोपहर जिस समय आग लगी, उस समय ट्रामा में मरीज का ऑपरेशन जारी था। सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने घंटेभर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
स्मोक ब्लोवर इस्तेमाल करने के बाद भी नहीं मिली राहत
आगजनी की घटना से ओटी के अलावा थर्ड फ्लोर में धुंआ भर गया था। मरीज के रेस्क्यू में जुटे डॉक्टर भी धुंए की चपेट में आने से बेहोश होने की स्थिति में आ गए थे। सूचना पर पहुंची टीम ने आग बुझाने के बाद स्मोक ब्लोवर (धुआं खींचने वाला उपकरण) का इस्तेमाल किया।
स्मोक ब्लोवर इस्तेमाल करने के बाद भी देर शाम तक डॉक्टर, कर्मचारी, मरीज और उनके परिजन धुएं और उसकी बदबू से परेशान होते रहे।
खिड़की का ग्रिल काटकर मरीजों को निकाला
आग को कंट्रोल करने के लिए ट्रामा सेंटर में मौजूद कुछ लोगों ने फ्लोर पर लगे फायर फाइटिंग सिलेंडर से आग बुझाने की कोशिश की। जैसे ही सिलेंडर का स्प्रे आग पर मारा गया, वैसे ही आग और भड़क गई। आग का विकराल रूप देखकर डॉक्टर चिल्लाने लगे और ऑपरेशन थिएरेट से मरीजों को बाहर निकाला गया।
रेस्क्यू के दौरान खिड़की की ग्रिल काटी गई और मरीज को मिनी ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट करके उसका पूरा ऑपरेशन किया गया। आग जिस फ्लोर में लगी थी, वहां कोई जा ना सके, इसलिए प्रबंधन ने फ्लोर को लॉक करवा दिया था। फ्लोर लॉक करने का कारण सामान खुले में होना बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
मंत्री के निरीक्षण के बाद भी उपकरणों की मॉनिटरिंग में लापरवाही
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायवाल ने दो महीने पहले मेकाहारा अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान सफाई व्यवस्था में लापरवाही दिखने पर सफाई एजेंसी को नोटिस जारी करने और डॉक्टर्स को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया था।
मंत्री के निर्देश के बाद भी उपकरणों की मॉनिटरिंग में लापरवाही बरती गई। आगजनी की घटना के बाद दोबारा मेकाहारा पहुंचकर स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन से तीन दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है।