विशाल मेगा मार्ट की एक्सपायरी नमकीन खाने से युवक का पेट खराब हो गया। उसे उल्टी दस्त होने लगे। इलाज के बाद जब उसने मार्ट वालों से इसकी शिकायत कर हर्जाना और माफी लिखित में देने की बात की तो प्रबंधन ने मना कर दिया। पीड़ित युवक ने इसकी कोतवाली थाने में भी शिकायत की। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद पीड़ित रजनीश कौशिक ने मार्ट प्रबंधन के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया। अब फोरम ने विवेचना के बाद मार्ट को आदेश दिया कि वह परिवादी को अनुचित व्यापार व्यवहार और मानसिक कष्ट के लिए 50 हजार रुपए दे।
रजनीश कौशिक ने जून 2022 को विशाल मेगा मार्ट से 11 हजार 874 रुपए का किराना सामान खरीदा था। इसमें फर्स्ट क्रॉप खट्टा मीठा नाम से एक नमकीन का पैकेट भी था। 3 दिन बाद जब उसने वह नमकीन खाया तो उसे उल्टी दस्त शुरू हो गए। उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि रजनीश को रक्षित केंद्र रायपुर के पुलिस अस्पताल में जाकर इलाज कराना पड़ गया। वहां डॉक्टरों ने उससे पूछा कि उसने क्या खाया? तब उसने नमकीन के बारे मे बताया।
इलाज के बाद जब वह घर गया तो देखा कि वह नमकीन खरीदने के एक माह पहले ही एक्सपायर हो चुका था। उसके बाद भी उसे मार्ट वालों ने बेचा। इसे खाने से ही परिवादी का स्वास्थ्य खराब हो गया। इसकी शिकायत जब परिवादी ने मार्ट वालों से की तो वे परिवादी से दुर्व्यवहार करने लगे। बिल दिखाने के बाद भी वे बहाना बनाने लगे। परिवादी ने लिखित माफी और हर्जाना मांगा तो मार्ट वालों ने मना कर दिया। इसके बाद परिवादी ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया।
फोरम ने कहा- एक्सपायरी सामान बेचना ग्राहकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ केस विवेचना के दौरन फोरम ने कहा कि अपनी दुकान में एक्सपायरी सामान बेचने के लिए रखना यह आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना है। फोरम ने माना कि एक्सपायरी नमकीन खाने से परिवादी का स्वास्थ्य खराब हुआ। मार्ट ने घोर लापरवाही की है। साथ ही परिवादी के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार किया है। इसलिए फोरम ने अनुचित व्यवहार और मानसिक कष्ट के लिए विशाल मेगा मार्ट को आदेश दिया कि वह परिवादी को 45 दिन के अंदर 50 हजार रुपए हर्जाना दे। 45 दिन के अंदर हर्जाना न देनें की स्थिति में 6 फीसदी ब्याज के साथ पैसे वापस करेगा।