मेडिकल के पीजी कोर्स एमडी-एमएस की सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है। राज्य के मेडिकल कालेज में 497 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। इनमें 316 राज्य कोटा की सीटें हैं। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की ओर से जारी किए गए शिड्यूल के अनुसार, राज्य कोटा और एनआरआई की इन सीटों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 7 से 12 नवंबर तक चलेगी।
इस दौरान च्वाइस फीलिंग की प्रक्रिया भी होगी। प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों में पीजी की कुल 497 सीटें हैं। इनमें सरकारी में 311 व निजी में 186 सीटें हैं। सरकारी कॉलेजों में आधी सीटें ऑल इंडिया के लिए जबकि निजी में 15 फीसदी सीटें एनआरआई के लिए आरक्षित है। सरकारी कॉलेजों में स्टेट के लिए 156 व आल इंडिया के लिए 155 सीटें है। जबकि निजी में 160 सीटें स्टेट व 26 सीटें एनआरआई के लिए है। काउंसिलिंग, आबंटन और प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए छात्र चिकित्सा संचालनालय की वेबसाइट cgdme.in का अवलोकन कर सकते हैं।
रायपुर मेडिकल कॉलेज की 4 सीटें घटीं प्रदेश में एमडी एमएस की सबसे ज्यादा सीट रायपुर के नेहरू मेडिकल कॉलेज में हैं। लेकिन इस बार 4 सीटें घटी हैं। पहले 150 थी 146 सीटों पर एडमिशन होगा। दरअसल, मेडिसिन व जनरल सर्जरी में 2-2 सीटें कम हो गई हैं। एनएमसी ने पर्याप्त सीनियर रेसीडेंट व जरूरी सुविधा न होने के कारण सीटें कम की हैं। जबकि बालाजी मेडिकल कॉलेज रायपुर में पहली बार पीजी की 66 सीटों को मान्यता मिली है।
सेंट्रल पूल की एक सीट पर प्रवेश हुआ पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल पूल की एक सीट पर प्रवेश हो गया है। इस सीट को स्टेट कोटे से जनरल केटेगरी से भरा गया। इसमें महज 595 नीट स्कोर वाले छात्र का एडमिशन हुआ है। इसके लिए नीट क्वालिफाइड छात्रों को 4 नवंबर को शाम 6 से रात 10 बजे तक यानी केवल चार घंटे दोबारा ऑनलाइन च्वाइस फिलिंग का मौका दिया गया था। इसमें केवल एक छात्र ने च्वाइस फिलिंग की, उसका एडमिशन हो गया।
पिछले साल रायपुर की 7 सीटें रह गई थीं खाली साल 2023 में रायपुर मेडिकल कॉलेज के 21 में से पांच डिपार्टमेंट की सीटें खाली रह गई थीं। यहां कुल 150 सीटें थीं। इसके मुताबिक बायोकेमिस्ट्री में कुल 4 सीटें थीं, जिसमें से 3 सीट पर प्रवेश हुआ था। इसी तरह फॉरेंसिक मेडिसिन और माइक्रो बायोलॉजी की 5-5 सीटों में से 4-4 फुल हुई थी।
वहीं पैथोलॉजी में 11 और प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन में 9 सीटें थीं। इनमें 2-2 सीट पर प्रवेश नहीं हुआ था। इसके अलावा कॉलेज में जनरल मेडिसिन की 17, जनरल सर्जन की 14, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की 10, गायनेकोलॉजिस्ट की 12, रेडियो डायग्नोसिस की 12 और पीडियाट्रिक्स की 11 सीटें थी। इन सभी विभागों में सबसे अधिक सीटें हैं।