अक्सर जुकाम-सर्दी के बारे में सोच कर हमें लगता है कि ये एक ही बीमारी है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि जुकाम यानी कॉमन कोल्ड के भी कई टाइप होते हैं। ये अलग-अलग तरह के वायरस से होते हैं। अपने कभी ये सोचा है कि एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया के इन्फेक्शन को तो आसानी से ठीक कर सकती हैं।
वहीं दूसरी तरफ एंटीवायरल दवाएं आज भी बहुत कम उपलब्ध हैं। इसके पीछे एक कारण भी है। दरअसल वायरस हमारे ही शरीर की कोशिकाओं में घुसकर और हमारी ही कोशिकाओं के तत्वों का इस्तेमाल करके फिर विभाजित होते हैं और बढ़ते जाते हैं। इसलिए ऐसी दवा बनाना जो सिर्फ वायरस को खत्म करे मुस्किल हो जाता है।
हमें लग सकता है कि कोल्ड बस एक ही तरह की बीमारी है। लेकिन कोल्ड शरीर के लक्षण को कहते हैं जो 200 से भी ज्यादा तरह के वायरस की वजह से हो सकते हैं। ये तेजी से फैलते हैं। हमने कोविड के दौर में देखा ही है कि वायरस को फैलने से रोकना कितना मुश्किल होता है।
इसलिए आइए आज समझते हैं कि कॉमन कोल्ड के लक्षणों को हम कैसे पहचान सकते हैं और इसमें देखभाल का सही तरीका क्या है।
वैसे तो कॉमन कोल्ड के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। कुछ दिनों के आराम और देखभाल से ये ठीक हो सकता है। लेकिन अगर ये इससे ज्यादा दिन रह रहा है तो ये चिंता की बात हो सकती है। आइए समझते हैं कि कॉमन कोल्ड के कितने स्टेज होते हैं और ये किस तरह के वायरस से हो सकता है।
क्यों होता है कोल्ड
दरअसल कोल्ड या जुकाम शरीर का बीमारी से लड़ने का एक तरीका है। जब कोई बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर पर हमला करता है। तो हमारा शरीर उससे लड़ने के लिए अपना तापमान बढ़ा लेता है।
क्योंकि ज्यादा तापमान में ये बैक्टीरिया और वायरस जल्दी विभाजित नहीं होते और हमारे शरीर को इन्हें खत्म करने के लिए समय मिल जाता है। ऐसे ही जुकाम भी इनसे लड़के का एक तरीका है और ज्यादातर कॉमन कोल्ड के मामले हमारा शरीर खुद से ही सही देखभाल के साथ ठीक कर सकता है।
राइनोवायरस
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के मुताबिक कोल्ड के 10-40% मामले राइनोवायरस की वजह से होते हैं। जिसे हम आम भाषा में सर्दी-जुकाम कहते हैं वो ज्यादातर इसी वायरस की वजह से होते हैं।
कोरोना वायरस
वैसे तो हम सब कोविड-19 और कोरोना वायरस से परिचित हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि 2019 की महामारी से पहले भी कोरोना वायरस मौजूद था। दरअसल ये कई प्रकार या स्ट्रैन के होते हैं। जिसका एक नया स्ट्रेन 2019 में देखने को मिला था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ये कभी तो जुकाम जैसे आम लक्षण दिखते हैं। लेकिन गंभीर मामलों में ये सर्व एक्यूट रेस्पायरेटरी सिंड्रोम (SARS) यानी फेफड़ों और सांस लेने में दिक्कत भी पैदा कर सकते हैं। इसका ही एक प्रकार जिसे SARS-CoV-2 कहते हैं, ये ही COVID-19 का जिम्मेदार था।
एच पी आई वी (HPIV)
एच पी आई वी (HPIV) भी एक तरह का वायरस है जिसकी वजह से जुकाम के लक्षण दिख सकते हैं। वैसे ये नॉर्मल या माइल्ड कोल्ड ही करता है। जो आसानी से ठीक हो सकता है।
एडीनो वायरस
एडीनो वायरस के 50 से भी ज्यादा प्रकार होते हैं। ये कोल्ड तो करता ही है, कई गंभीर मामलों में इसकी वजह निमोनिया या लंग इन्फेक्शन भी हो सकते हैं। साथ ही कंजेक्टिवाइटिस या पिंक आई भी इसी की वजह से होता है। इसके मामलों को गंभीरता से लेते हुए डाक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि ये तेजी से फैलता है।
आर एस वी (RSV)
आर एस वी (RSV) से होने कोल्ड के लक्षण भी नॉर्मल ही रहते हैं। लेकिन कई मामलों में ये गंभीर रूप भी ले सकता है। इसलिए इसके मामलों को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
हालांकि कॉमन कोल्ड के ज्यादातर मामले खुद से ठीक हो सकते हैं। लेकिन एक समस्या ये है कि बहुत सी दूसरी बीमारियों की शुरुआत भी आम सर्दी-जुकाम से हो सकती है। क्योंकि ये हमारे शरीर का जीवाणुओं से लड़ने का एक तरीका है। इसलिए आइए समझते हैं कि कॉमन कोल्ड किन-किन स्टेज में बढ़ता है।
कोल्ड के स्टेज क्या हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन बताता है कि कॉमन कोल्ड के लक्षण सामान्यतः एक हफ्ते तक रह सकते हैं। लेकिन कुछ मामलों में ये 14 दिन तक भी रह सकते हैं।
लेकिन अगर 10-14 दिनों बाद भी बुखार और जुकाम के लक्षण बने हुए हैं तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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कोल्ड और फ्लू में क्या अंतर है?
आम तौर पर कोल्ड के लक्षण नॉर्मल होते हैं और ये कुछ दिनों के घरेलू उपचारों से भी ठीक हो सकते हैं। वहीं फ्लू के लक्षण कई बार अचानक से देखने को मिल सकते हैं। और इसे ठीक करने के लिए दवाओं और इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
डेंगू, या मलेरिया के मामले में भी फ्लू के जैसे लक्षण दिख सकते हैं इसलिए इन्हें समय पर पहचानने के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी होता है। क्योंकि अगर इनपर ध्यान न दिया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मलेरिया की वजह से दुनिया भर में हर साल 6 लाख से भी ज्यादा जानें जाती हैं। वो भी तब जब इसका इलाज उपलब्ध है ऐसे में समय से जांच करवा कर इससे बचा जा सकता है।
कैसे करें बचाव?
1. कोल्ड में शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसलिए हमेशा हाइड्रेट रहना चाहिए। क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से सिर दर्द और कमजोरी जैसी दिक्कत भी हो सकती है।
2. काढ़ा या सूप भी हाइड्रेट रहने में हमारी मदद कर सकता है। साथ ही अदरक, शहद और तुलसी जैसी चीजें कोल्ड से भी राहत दे सकती हैं।
3. पर्याप्त विटामिन-सी लें ये आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और रोगों से लड़ने में भी आपकी मदद करता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिसर्च में भी देखा गया कि अगर लोग पर्याप्त विटामिन-सी लेते हैं तो कोल्ड से जल्दी राहत मिल सकती है।