रायपुर पुलिस ने सोमवार को 5 गुड सेमेरिटंस को सम्मानित किया। SSP संतोष सिंह ने सड़कों पर बड़े फ्लैक्स में इनके फोटो लगवाने के निर्देश दिए हैं। इससे अन्य लोग भी सड़क हादसे में घायलों की मदद के लिए मोटिवेट होंगे। इन व्यक्तियों ने भी अलग-अलग मौकों पर घायलों की जान बचाने में मदद की थी।
दरअसल, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और घायलों को तुरंत इलाज उपलब्ध करवाने वाले व्यक्तियों को उच्चतम न्यायालय ने गुड सेमेरिटंस यानी नेक व्यक्ति की संज्ञा दी है। साथ ही इन्हें मोटिवेट और इनाम देने के लिए भी निर्देशित किया है।
रायपुर SSP ने कहा- बड़े फ्लैक्स में फोटो लगवाएं
रायपुर SSP संतोष कुमार सिंह ने सड़क दुर्घटना में घायलों की तुरंत हेल्प कर जान बचाने वाले 5 गुड सेमेरिटंस को अपने ऑफिस बुलवाकर सम्मानित किया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन सेमेरिटंस की फोटो बड़े होर्डिंग में लगाएं, ताकि अन्य लोग भी मोटिवेट हो सकें। कार्यक्रम में ASP ट्रैफिक अनुराग झा समेत ट्रैफिक DSP गुरजीत सिंह भी मौजूद थे।
रायपुर की सड़कों पर 5 गुड सेमेरिटंस ने इस तरह की मदद
- जितेन्द्र वर्मा पिता रूपसिंह वर्मा ग्राम उमरिया थाना मंदिर हसौद जिला रायपुर। 7 अक्टूबर को मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गया। इसमें चालक और सवार व्यक्ति को गंभीर चोट आने पर तत्काल पुलिस को सूचना देकर उपचार के लिए सीएचसी मंदिर हसौद भेजकर घायल की जान बचाया।
- प्रिंस तिवारी पिता राजेश तिवारी, बंजारी मंदिर, रावांभाठा। 30 सितंबर को रावांभाठा के पास आइचर गाड़ी से टकराकर 3 व्यक्ति गंभीर रूप से वाहन में फंस गये थे। जिसे तत्काल डायल 112 को सूचना देकर क्रेन की सहायता से फंसे व्यक्तियों को निकालकर उपचार के लिए अस्पताल में एडमिट करवाया।
- मिथलेश वर्मा पिता गेंदराम वर्मा बैंक ऑफ बड़ौदा, धरसींवा जिला रायपुर। रोड एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को नजदीकी हास्पिटल के ट्रामा सेंटर तक पहुंचाया गया और घायल व्यक्ति की मृत्यु होने पर निःशुल्क मरचुरी ले गया।
- राहुल शादीजा पिता श्याम लाल शादीजा, शैलेन्द्र नगर रायपुर। 12 अक्टूबर को आरंग चौक के पास सड़क दुर्घटना में बाइक चालक और सवार 2 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गये थे। जिसे तत्काल डायल 112 को कॉल कर एम्बुलेंस बुलाकर उपचार के लिए हास्पिटल भेजा गया।
- दुर्गेश कुमार कांड़े, कटोरा तालाब रायपुर। 8 सितंबर को कटोरा तालाब गुरूद्वारा के पास सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल डायल 112 को कॉल कर उपचार के लिए अस्पताल ले जाकर जान बचाई।
हर साल औसतन डेढ़ लाख की मौत
बता दें कि, भारत में हर साल सड़क दुर्घटना में लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिसका बड़ा कारण घायलों को जल्द मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध नहीं होना है। सड़क दुर्घटना के दौरान 30 मिनट का समय गोल्डन आवर कहलाता है। इस दौरान अगर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाए या फिर उसे मेडिकल सहायता मिल जाए, तो जान बच सकती है।
हालांकि अधिकांश रोड एक्सीडेंट में लोग सोचते हैं कि बार-बार पेशी में जाना पड़ेगा। पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, जिससे परेशानी होगी। ये सोचकर वे मोबाइल फोन से फोटो-वीडियो बना लेते हैं, लेकिन घायल की जान बचाने के लिए कोई उपाय नहीं करते। इससे घायल तड़प-तड़प कर सड़क पर ही दम तोड़ देता है।