कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने गुरुवार को नागपुर में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के धर्मयुद्ध वाले बयान का जवाब देते हुए कहा कि अगर धर्म बचाना है, तो यह जिम्मेदारी सभी की होगी, न कि केवल कुछ खास लोगों की। उन्होंने फडणवीस के बयान पर चुटकी लेते हुए सवाल किया कि क्या धर्म बचाने की जिम्मेदारी आम जनता की होगी, जबकि उनके बच्चों को ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज में पढ़ने भेजा जाएगा। कन्हैया कुमार ने यह भी कहा कि धर्म बचाने की बात करने वाले नेताओं की भूमिका केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, और यह जिम्मेदारी सभी को समान रूप से निभानी चाहिए।
कन्हैया ने आगे कहा, “धर्म बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है, न कि केवल उन नेताओं की जिनके बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि आम लोगों से यह उम्मीद की जाती है कि वे धर्म की रक्षा करें।” उन्होंने यह भी कहा कि यह खेल अब समझ में आ रहा है, जहां लोगों की भावनाओं का गलत इस्तेमाल करके उनके अधिकारों को छीना जा रहा है।
इसके अलावा, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी फडणवीस के ‘वोट जिहाद’ और ‘धर्मयुद्ध’ पर सवाल उठाए और लोकतंत्र में ऐसे बयान देने की निंदा की। ओवैसी ने कहा कि फडणवीस के बयान बेमानी हैं और उन्होंने यह सवाल उठाया कि यदि वोट जिहाद हो रहा है तो क्यों फडणवीस को औरंगाबाद और अयोध्या में हार का सामना करना पड़ा।