फडणवीस का तंज: अजित पवार दशकों तक हिंदू विरोधियों के साथ रहे, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ में कुछ गलत नहीं

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि उद्धव ठाकरे के लिए भाजपा के दरवाजे अब पूरी तरह बंद हो चुके हैं। फडणवीस ने कहा कि भविष्य में भाजपा कभी शिवसेना (UBT) के साथ गठबंधन नहीं करेगी।

ANI को दिए इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा कि एनसीपी और शिवसेना अपने भीतर की महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटे। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे आदित्य ठाकरे को आगे लाने के लिए एकनाथ शिंदे पर दबाव बना रहे थे। वहीं, शरद पवार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पवार ने अपनी पार्टी और परिवार को तोड़ने में महारथ हासिल की है।

फडणवीस ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का बचाव करते हुए कहा कि यह देश के इतिहास की सच्चाई को दर्शाता है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए इसे सही ठहराया। साथ ही, उन्होंने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर मुस्लिम उलेमाओं को खुश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी 17 मांगों को मानकर एमवीए ने औपचारिक पत्र दिया है।

फडणवीस ने कहा कि भाजपा ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर यह दिखाया कि यह सत्ता की लड़ाई नहीं थी। साथ ही उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री या किसी अन्य पद की दौड़ में नहीं हैं, बल्कि पार्टी की हर जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं।

राज ठाकरे के उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा पर फडणवीस ने धन्यवाद दिया, लेकिन साफ किया कि महायुति के तीनों दल मिलकर सीएम का फैसला करेंगे।

उन्होंने अडानी ग्रुप पर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में भी टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी रही और अगर अडानी सबसे ऊंची बोली लगाते तो उन्हें ही टेंडर मिलता।

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