महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी समीकरण और रुझानों को लेकर तमाम राजनीतिक विशेषज्ञों और पार्टियों के बीच चर्चा तेज हो गई है। एक तरफ महायुति, जिसमें BJP, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की NCP शामिल हैं, तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी (MVA) में कांग्रेस, उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार की NCP (SP) की गठबंधन है।
राज्य में बीजेपी को 80-90 सीटों के बीच मजबूत स्थिति दिखाई दे रही है, वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) को 30-35 और NCP (अजित गुट) को 15-20 सीटें मिल सकती हैं। इन सीटों के आधार पर महायुति को 125 से 145 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत के करीब नहीं हैं। वहीं महाविकास अघाड़ी को 132-155 सीटों के बीच मिल सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार छोटी पार्टियां और स्वतंत्र उम्मीदवार 20-25 सीटें जीत सकते हैं, और उनका रोल सरकार गठन में अहम हो सकता है। इसके अलावा, मराठा आरक्षण, महंगाई, और किसानों के मुद्दे जैसे लोकल मुद्दे भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं।
वहीं, राजनीतिक दलों के बीच यह माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में जातिवाद और धार्मिक ध्रुवीकरण भी अहम भूमिका निभाएंगे, खासकर ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारों के चलते मुस्लिम वोटों का विभाजन हो सकता है।