खड़गपुर में प्राइवेट कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप साइबर ठगों के जाल में फंस गए और 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। इस दौरान ठगों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए उन्हें अवैध लेनदेन और फर्जी खातों के आरोपों से डराया। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के नाम से जुड़ी फर्जी एफआईआर का हवाला देकर ठगों ने कश्यप को अपनी गतिविधियों पर लगातार नजर रखने के लिए वीडियो कॉल्स के जरिए निगरानी में रखा।
ठगों ने कश्यप को एक “सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट” खोलने के लिए राजी किया और जांच का बहाना बनाकर उनके बैंक खातों से 49 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस दौरान कश्यप को बार-बार धमकाया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। ठगों ने उन्हें बंगाल से भिलाई तक की यात्रा के दौरान भी अपनी निगरानी में रखा और पैसे जमा करवाने को मजबूर किया।
प्रदेश में लगातार बढ़ती डिजिटल ठगी
छत्तीसगढ़ में बीते 8 दिनों में डिजिटल अरेस्ट के 6 मामले सामने आए हैं, जिनमें 1.21 करोड़ रुपए की ठगी हुई है। इनमें सबसे बड़ी घटना रायपुर की है, जहां 58 लाख की ठगी हुई। अन्य मामलों में क्रमशः 6.5 लाख, 4.5 लाख, 2 लाख, और 50 लाख की ठगी हुई। पुलिस का कहना है कि इन घटनाओं में ठग नई रणनीतियों का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं।