मामूली विवाद से शुरू हुआ था तनाव: सुसाइड नोट में पुलिस और आरोपियों का नाम, परिजनों का थाने का घेराव
गुरुवार को टिकरापारा सैलानी नगर में मोटर गैरेज संचालक मोहम्मद शहजाद (55) ने अपने घर की छत पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले शहजाद ने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें टिकरापारा थाने के सिपाही महेश नेताम और अन्य 7 लोगों के नाम का जिक्र किया। शहजाद ने सुसाइड नोट की तस्वीर अपने बेटे को वाट्सएप पर भेजी, जिसके बाद परिवार ने शहजाद की तलाश शुरू की और उसे छत पर लटका हुआ पाया।
शहजाद की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण गुस्से में आ गए और शव लेकर टिकरापारा थाने पहुंच गए। वहां उन्होंने थाने का घेराव किया और सुसाइड नोट में नामित लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। सिटी एसपी और कई थानेदारों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन मामला बढ़ता गया और देर रात तक थाने में भारी भीड़ जमा रही।
इस घटनाक्रम का आधार 6 नवंबर को शहजाद के बेटे सैफ के साथ हुए विवाद से जुड़ा है। सैफ के साथ तीन व्यक्तियों ने मारपीट की थी, जिसके बाद शहजाद ने पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन बाद में समझौता हुआ और केस वापस ले लिया गया। फिर 16 नवंबर को शहजाद और उसके परिवार पर झूठी एफआईआर के आरोप लगे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें थाने में बंद कर लिया। 27 घंटे थाने में रखने के बाद, परिवार के दबाव में उन्हें शर्तों के साथ रिहा किया गया, लेकिन शहजाद पर तनाव और धमकियां जारी रहीं, जिससे वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो गया।
शहजाद की पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके पति को मानसिक रूप से इतना परेशान किया कि उसने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में शहजाद ने महेश नेताम को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।