उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के करनैलगंज विकासखंड के सकरौरा गांव में स्थित श्री आशुतोष त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर एक अनोखी कहानी और आस्था का केंद्र है। कहा जाता है कि इस मंदिर के पास अंग्रेजों का गुप्त खजाना छिपा हुआ है। मंदिर के पुजारी तिलकराम तिवारी, जो 1981 से मंदिर की सेवा कर रहे हैं, बताते हैं कि यह मंदिर नवाब वाजिद अली शाह के समय में बनाया गया था। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
खजाने की रहस्यमयी कथा
लोककथाओं के अनुसार, 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने भागते समय यहां गुप्त खजाना छिपाया था। माना जाता है कि इस खजाने में सोने-चांदी के सिक्के और अन्य बहुमूल्य वस्तुएं शामिल हो सकती हैं। हालांकि, यह कहानी अब तक सिर्फ जनश्रुति है। कई लोगों ने खजाने की खोज में चोरी-छिपे खुदाई भी की, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।
मंदिर का धार्मिक महत्व
मंदिर भगवान शिव के पंचमुखी शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। यहां शिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान विशेष पूजा और मेले का आयोजन होता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जीर्णोद्धार और अन्य विशेषताएं
1981 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था। परिसर में भगवान शिव के अलावा गायत्री मंदिर भी है, जिससे यह स्थान और भी पवित्र माना जाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अद्भुत आकर्षण का केंद्र है।