6 से अधिक कबाड़ी खुलेआम बिक रहा चोरी का माल, सिटी ASP बोले- जल्द कार्रवाई करेंगे…!

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दुर्ग एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने जून महीने पहले जंबो टीम बनाकर काबाड़ियों के ठिकानों पर दो बार छापेमार कार्रवाई की थी। तब बड़ी मात्रा में चोरी का लोहा जब्त किया गया था। अब नए एसपी के आने के बाद फिर से कबाड़ी खुलेआम चोरी का माल खरीदने लगे हैं। इससे शहर में चोरी की वारदातें बढ़ गई हैं।

जिले में कबाड़ का व्यवसाय करने वालों सबसे अधिक कबाड़ी जामुल और सुपेला थाना क्षेत्र में हैं। जामुल थाने में 9 कबड़ी और सुपेला थाना क्षेत्र में 10 कबाड़ी सक्रिय हैं। पूरे जिले में 36 कबाड़ी कबाड़ का व्यवसाय कर रहे हैं। ये सभी चोरी का माल खरीदते हैं। इन्हें कई बार पुलिस रंगे हाथ गिरफ्तार कर चुकी हैं, लेकिन कुछ दिन बाद इनका काला कारोबार फिर से शुरू हो जाता है।

हालांकि एएसपी सिटी अभिषेक झा का कहना है कि पुलिस जल्द ही इस पर कार्रवाई करेगी।

ललित कबाड़ी है सभी का सरगना

भिलाई और दुर्ग जिले में जितने भी लोग कबाड़ी का व्यवसाय करते हैं, उनका सबसे बड़ा सरगना जामुल थाना क्षेत्र का कबाड़ का कारोबार ललित है। ललित कबाड़ी कई बार चोरी की गाड़ी और लोहा खरीदने के जुर्म में जेल जा चुका है। ये लगातार चोरी का माल खरीद रहा है।

इसकी पकड़ जामुल थाने में इतनी अधिक है कि एसपी को छापेमारी करने के लिए दूसरे थाने के टीम को बुलाना पड़ा था। इसके बाद भी जामुल थाने के मुखबिरों ने ललित को जानकारी दे दी थी और वो फरार हो गया था।

फ्लाई ओवर ब्रिज के साइड में लगा लाखों का टीन सीट चोरी

नेहरू नगर से लेकर भिलाई-3 तक चार फ्लाई ओवर ब्रिज बन रहे हैं। इन ब्रिज के किनारे किनारे लोहे के एंगल के सहारे टीन शेड लगाया गया था। जिससे निर्माण कार्य की जगह पर वाहन न जा सकें। ब्रिज बनने के दौरान से ही कबाड़ियों ने अपने चोरों को सक्रिय कर दिया था।

इन लोगों ने रात के समय यहां लेगे टीन शेड को खोलकर कबाड़ियों के यहां बेंच दिया। ब्रिज निर्माण कंपनी ने इसकी शिकायत भी पुलिस में की थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पाण्डेय कबाड़ी के यहां मिला चोरी का टीन सीट

जामुल थाने में कारोबार करने वाले पाण्डेय कबाड़ी के यहां जब मीडिया की टीम पहुंची, तो देखा उसके गोदाम के अंदर चोरी की टीन का सीट पड़ा हुआ है। ये टीन सीट उसी फ्लाई ओवर में लगी हुई थी, क्योंकि इसमें पीले रंग से पट्टी पोता हुआ था।

इसके साथ ही ललित और पाण्डे कबाड़ी के यहां सड़क किनारे लगे स्पीड लिमिट लिखे बोर्ड तक पड़े हुए पाए गए। जो इस बात का पुख्ता सबूत है कि ये लोग शासकीय संपत्ति को चोरी करवाकर सस्ते दर में खरीदते हैं।

ये लोग शहर में कबाड़ का कारोबार कर रहे

  1. ललित कबाड़ी, जामुल
  2. सुरेश पांडेय उर्फ पांडेय कबाड़ी, जामुल
  3. सुखचैन कबाड़ी, जामुल
  4. साबिर अली उर्फ दिल्ली कबाड़ी, जामुल
  5. प्रेम साहू उर्फ प्रेम कबाड़ी, जामुल
  6. सत्तार खान उर्फ सत्तार कबाड़ी, जामुल
  7. राजेंद्र पाल उर्फ पाल कबाड़ी, जामुल
  8. अमीर खान उर्फ दिल्ली कबाड़ी, जामुल
  9. वीरेंद्र पाल उर्फ पाल कबाड़ी, जामुल
  10. मन्नू कबाड़ी, छावनी
  11. रंजीत कबाड़ी, छावनी
  12. परवेज कबाड़ी, छावनी
  13. मैनेजर अंकित ठाकुर उर्फ अजय कबाड़ी, भिलाई 3
  14. शकील अहमद उर्फ मुसलमान कबाड़ी, भिलाई 3
  15. मैनेजर अरमान उर्फ लोकमान कबाड़ी, भिलाई 3
  16. अजय ठाकुर उर्फ अजय कबाड़ी, भिलाई 3
  17. लोकमान उर्फ लोकमान कबाड़ी, भिलाई 3
  18. श्रवण कुमार देवांगन उर्फ पुलिस कबाड़ी, सुपेला
  19. अनुज चंद्राकर उर्फ पार्वती कबाड़ी, सुपेला
  20. मैनेजर विकास उर्फ अजमल कबाड़ी, सुपेला
  21. गुडडू कबाड़ी, सुपेला
  22. फिरोज कबाड़ी, सुपेला
  23. धनेश्वर साहू उर्फ साहू कबाड़ी, सुपेला
  24. अजमल कबाड़ी, सुपेला
  25. असगर कबाड़ी, सुपेला
  26. जेटू उर्फ जेठू कबाड़ी, सुपेला
  27. सितारे कबाड़ी, सुपेला
  28. शाकिर अली उर्फ शाकिर कबाड़ी, दुर्ग
  29. नदीम आज़मी उर्फ नदीम कबाड़ी, दुर्ग
  30. मैनेजर त्रिलोक देवांगन उर्फ बागे कबाड़ी, मोहन नगर
  31. दिलबाग बागे उर्फ बागे कबाड़ी, मोहन नगर
  32. मुछु कबाड़ी, खुर्सीपार
  33. शिव कबाड़ी, कुम्हारी
  34. राजू मांडले उर्फ मांडले कबाड़ी, जेवरा सिरसा
  35. मैनेजर कमलेश ठाकुर उर्फ बागे कबाड़ी, जेवरा सिरसा
  36. इमरान कबाड़ी, अंजोरा

    बता दें कि जून 2023 और उसके एक महीने बाद एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने टीम बनाकर दो बार जिले के कबाड़ियों पर छापेमारी की थी। पुलिस की 42 अलग-अलग टीमों ने 42 कबाड़ियों के यहां छापेमारी की थी। इस दौरान सभी गोदामों को सील कर 21 कबाड़ियों को गिरफ्तार किया गया था।

    इसमें लगभग सभी कबाड़ियों के गोडाउन से बीएसपी यानि सेल का चोरी का लोहा, कंपनियों में लगने वाले जॉब वर्क और अन्य महंगे लोहे के पार्ट्स जब्त किए गए थे। जब्त लोहे को अलग-अलग थानों में रखा गया। अब एसपी के बदलने और आचार संहिता लगने के बाद चोरी का कबाड़ खरीदने का व्यवसाय फिर से फूलने लगा है।

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