गौतम अडाणी और उनके समूह के खिलाफ रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोपों का मामला अब मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट में पहले ही याचिका दायर की जा चुकी थी, अब मद्रास हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर गृह मंत्रालय से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT), एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED), और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के माध्यम से मामले की जांच करने की मांग की गई है।
यह याचिका एडवोकेट और देसिया मक्कल शक्ति काची के अध्यक्ष एमएल रवि द्वारा दायर की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने तमिलनाडु और अन्य राज्यों में बिजली वितरण कंपनियों, व्यवसायियों और सरकारी संस्थाओं को सोलर पावर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने की योजना बनाई।
इसके अलावा, अमेरिकी न्याय विभाग की जांच रिपोर्ट और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की शिकायत में अडाणी ग्रुप के गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। याचिका में तर्क दिया गया है कि विदेशी देशों से भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बावजूद भारतीय जांच एजेंसियां चुप्पी साधे हुए हैं।
इस बीच, अडाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 6.35% तक गिरा है। आरोपों के तहत, अडाणी ने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स प्राप्त करने के लिए रिश्वत देने की साजिश रची थी, और विभिन्न राज्यों से बिजली खरीदने के लिए समझौते किए थे।
अडाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए उनका खंडन किया है, और कहा है कि ये आरोप सिर्फ आरोप हैं, जिनका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।