महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के चार दिन बाद भी मुख्यमंत्री पद पर फैसला नहीं हो सका है। भाजपा ने आज पर्यवेक्षक भेजने का निर्णय लिया है, जो विधायकों से रायशुमारी करके नए मुख्यमंत्री का नाम घोषित करेंगे।
इस बीच, भाजपा कार्यकर्ताओं ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जोरदार समर्थन दिखाया है। औरंगाबाद (संभाजी नगर) में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने खून से पत्र लिखकर फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा। वे 28 जून 2022 से 26 नवंबर 2024 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। विधानसभा का कार्यकाल भी मंगलवार को समाप्त हो गया, और नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण तक शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए लगभग तय माना जा रहा है। अगर वे मुख्यमंत्री बनते हैं, तो नई सरकार में दो डिप्टी सीएम होंगे— एक एनसीपी से अजित पवार और शिवसेना से शिंदे या उनके द्वारा नामित कोई नया विधायक।
नए मुख्यमंत्री और सरकार के एजेंडे को लेकर तीनों दलों की एक कमेटी भी बनाई जा सकती है, जिसमें एकनाथ शिंदे को प्रमुख बनाया जा सकता है, हालांकि शिवसेना के प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने इस बात से इनकार किया है।
इस बीच, विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) संयुक्त रूप से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (LoP) के पद का दावा कर सकती है, क्योंकि इस चुनाव में किसी विपक्षी पार्टी को जरूरी सीटें नहीं मिली हैं।
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS), जो इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई, को लेकर भी संकट बढ़ सकता है। चुनाव आयोग उनके सिंबल को रद्द कर सकता है, क्योंकि पार्टी का वोट शेयर 1.55% था और उसके पास कोई विधायक नहीं है।
अजित पवार ने अपने भतीजे युगेंद्र पवार के चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया दी, कहकर कि उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं था और उन्हें चुनाव में उतारने का कोई मतलब नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी को अपनी बहन के खिलाफ खड़ा करने के लिए अपनी गलती मानी।