छत्तीसगढ़ में 5वीं और 8वीं कक्षा की परीक्षाएं अब 10वीं बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर आयोजित की जाएंगी। यह निर्णय प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, और इसकी जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग को दी गई है। इसके तहत, सभी स्कूलों में एक ही समय-सारणी के तहत परीक्षा आयोजित होगी, और एक ही पेपर होगा, जो पहले जिला और स्कूल स्तर पर अलग-अलग होते थे। यह कदम छात्रों के आकलन में समानता लाएगा।
इसके अलावा, साय कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए हैं। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा फ्री-होल्ड किए गए आवासीय भूखंडों को डायवर्सन शुल्क और जुर्माने से छूट दी गई है। इसके साथ ही, हाउसिंग बोर्ड को जमीनों को आवासीय में बदलने के लिए भी शुल्क से राहत प्रदान की गई है।
राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े 54 कोर्ट केसों को वापस लेने का भी निर्णय लिया गया है। कृषि क्षेत्र में भी कई अहम फैसले लिए गए हैं, जैसे कि दलहन-तिलहन और रबी फसलों की खरीदी के लिए नेफेड और एनसीसीएफ को प्रोक्योरमेंट एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा, हरित ऊर्जा शुल्क में वृद्धि को समाप्त करने और छत्तीसगढ़ में जल विद्युत परियोजनाओं और ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। हुडको से भी आगामी पांच साल में राज्य को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता, परामर्श, और क्षमता विकास सेवाएं प्राप्त होंगी।