यह रिपोर्ट मणिपुर के जिरीबाम और आसपास के क्षेत्रों में हो रही हिंसा की गंभीर स्थिति को दर्शाती है। 3 मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जारी संघर्ष में अब तक सैकड़ों जानें जा चुकी हैं, और हाल के महीनों में हिंसा और भी बढ़ गई है। विशेषकर 11 नवंबर 2024 को जकुराडोर गांव पर हुए हमले में 6 लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। हमलावरों ने गांवों में घुसकर घरों को जलाया, महिलाओं को अगवा किया और मारे गए लोगों के शव बाद में बराक नदी के पास मिले।
हिंसा में भागीदारों की पहचान, हमलावरों के पास के हथियार, और मारे गए लोगों के परिजनों के बयान से यह स्पष्ट होता है कि यह संघर्ष अब और भी जटिल हो गया है। जहां एक तरफ कुकी संगठनों ने हमलावरों को “विलेज वॉलंटियर्स” बताया, वहीं मणिपुर पुलिस और सेना ने इन्हें मिलिटेंट्स की श्रेणी में रखा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी इस हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि CRPF की उपस्थिति नहीं होती, तो हमलावर अधिक जानें ले सकते थे।
आखिरकार, यह हिंसा मणिपुर के समुदायों के बीच गहरी तनाव और असहमति को उजागर करती है, जिसका समाधान आने वाले समय में शायद मुश्किल हो सकता है।