दुर्ग जिले में ठंड का असर बढ़ने के साथ ही मैत्री बाग जू प्रबंधन ने वन्य प्राणियों को ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। रात के समय में तापमान गिरने पर जानवरों के केज के पास अलाव जलाया जा रहा है, और केज को ढकने का भी इंतजाम किया जा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र के उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित इस जू में, जहां न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक पहुंच चुका है, जंगली जानवरों और पक्षियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
विशेष रूप से सफेद शेरों के लिए अलाव जलाया जा रहा है, और साथ ही कई अन्य केज में हीटर, हैलोजन लाइट और पैरावट जैसी चीजें लगाकर गर्मी बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। पक्षियों के पिंजरे में भी हैलोजन लाइट लगाई जा रही है, ताकि रात के समय उन्हें ठंड से राहत मिल सके।
मैत्री बाग जू, जो प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है, में 300 से अधिक वन्य प्राणी रहते हैं। यहां का तापमान टाउनशिप क्षेत्र के हरियाली की वजह से आमतौर पर एक या दो डिग्री कम रहता है, लेकिन ठंड बढ़ने से रात में तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जिससे सफेद शेरों और अन्य जानवरों के लिए खास इंतजामों की जरूरत होती है।