बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के साधु चिन्मय कृष्णदास प्रभु की गिरफ्तारी पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने गहरी चिंता व्यक्त की है और इसे एक अलोकतांत्रिक कदम करार दिया है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने कहा कि बांग्लादेश प्रशासन की कार्रवाई न केवल कायराना है, बल्कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन भी है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के खिलाफ किए गए सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी प्रकार की हिंसा से दूर रहे हैं। इसके बावजूद, जो व्यक्ति लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से हिंदू समाज का नेतृत्व कर रहा था, उसे गिरफ्तार करना समाज की आवाज को दबाने की कोशिश है।
बागड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश में वामपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी मिलकर हिंदू समुदाय का दमन कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह बांग्लादेश की घटनाओं को गंभीरता से ले और वहां की सरकार पर दबाव डालकर हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे, साथ ही चिन्मय कृष्णदास प्रभु की रिहाई की मांग की।