छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा सड़क सुरक्षा पर समीक्षा बैठक किए जाने को लेकर पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो सरकार अपने मंत्रियों और सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रही है, वह प्रदेश की जनता को कैसे सुरक्षित रखेगी?
डहरिया ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक ओर मंत्री की गाड़ी सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो दूसरी ओर सांसद के घर में पाइप लोडेड ट्रक घुस जाता है। इससे साफ है कि सरकार अपने नेताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने सड़क सुरक्षा बैठकों को महज दिखावा करार दिया।
डहरिया ने कहा कि पिछले एक साल में सड़क निर्माण के नाम पर केवल कागजी कार्यवाही हुई है। जमीन पर कुछ भी ठोस काम नहीं दिख रहा। सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है और इस वजह से सड़क निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है।
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार चुनावों की तैयारी को लेकर भ्रमित है। समय समाप्त होने की कगार पर है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट योजना नहीं बनी। प्रशासनिक व्यवस्था के तहत काम चलाने के अलावा सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा।
इसके अलावा, डहरिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार किसानों की बजाय एक्साइज विभाग को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि सीजीपीएससी 2024 में आबकारी विभाग के सबसे ज्यादा पदों पर भर्ती से स्पष्ट है कि सरकार का फोकस कहां है।
सड़क दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए डहरिया ने हाल ही के मामलों को उठाया। 22 नवंबर को कृषि मंत्री रामविचार नेताम सड़क हादसे में घायल हुए, 24 नवंबर को महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े काफिले की गाड़ियों की टक्कर में बाल-बाल बचीं, और 26 नवंबर को सांसद चिंतामणि महाराज के घर में ट्रेलर घुसने की घटना हुई। इन घटनाओं से सरकार की लापरवाही उजागर होती है।