रायपुर में CBI ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए CGST के दो अधिकारियों को 60,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। सुपरिटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक पर आरोप है कि उन्होंने एक दवा व्यापारी से जीएसटी में गड़बड़ी के सेटलमेंट और पेनल्टी से बचाने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
दैनिक भास्कर के डीबी स्टार टीम द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन और सबूतों के आधार पर सीबीआई ने यह कदम उठाया। गिरफ्तार किए गए अधिकारियों ने पहले 3 लाख रुपये की पेनल्टी का डर दिखाकर व्यापारी को धमकाया और फिर इसे 75,000 रुपये में सेटल करने की मांग की। आखिरकार, 60,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए उन्हें पकड़ा गया।
CBI की रणनीति और कार्रवाई
सीबीआई ने 20 अधिकारियों की तीन टीम बनाकर घेराबंदी की। पहली टीम व्यापारी के साथ दफ्तर में मौजूद थी, दूसरी टीम कार्यालय के आसपास निगरानी कर रही थी, और तीसरी टीम पूछताछ के लिए तैयार थी। सुपरिटेंडेंट मिंज और इंस्पेक्टर मलिक को पैसे लेते वक्त रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
धमकी से लेकर गिड़गिड़ाने तक
गिरफ्तारी के बाद इलोंका मिंज ने व्यापारी से माफी मांगते हुए कहा कि वह रिश्वत की रकम वापस कर देंगी। वहीं, CBI ने अधिकारियों के घरों पर भी छापेमारी कर और सबूत इकट्ठा किए हैं।
रायपुर में पहली बार CGST अफसर की गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ में यह पहली बार है जब CGST के किसी अधिकारी को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया है। जबकि भोपाल जोन के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में यह 12वीं गिरफ्तारी है।
रिश्वतखोरी पर सख्ती
CBI और ACB की इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि रिश्वतखोरी के मामलों में अब सख्ती बरती जाएगी। व्यापारियों और आम नागरिकों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।