नगर निगम के अधिकारी अब सड़कों पर गंदगी या होटल-रेस्टोरेंट में खामियां देखने पर सीधे मौके से ही जुर्माना वसूल सकेंगे। इसके लिए सभी उच्च अधिकारियों के मोबाइल पर एक सॉफ्टवेयर अपलोड किया जाएगा। उन्हें विशिष्ट आईडी दी जाएगी, जिसके जरिए वे घटनास्थल की फोटो खींचकर चालान जारी कर पाएंगे।
शुक्रवार को इस प्रणाली की शुरुआत जोन-8 में की गई, जहां सड़क पर गंदगी और निर्माण सामग्री फैलाने वालों पर कार्रवाई करते हुए 16 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। पहले अधिकारियों को रसीद बुक लेकर कार्रवाई करनी पड़ती थी, लेकिन अब सॉफ्टवेयर से यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
अवैध वसूली पर रोक
ऑनलाइन चालान प्रक्रिया से न केवल अधिकारियों को कार्यवाही में सहूलियत होगी, बल्कि आम जनता से अनावश्यक वसूली की संभावनाएं भी समाप्त होंगी। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है और जल्द ही पूरे नगर निगम में लागू किया जाएगा।
कर्मचारियों का नेटवर्क
नगर निगम के निवेश और स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को इस सिस्टम से जोड़ा गया है। अधिकारी और कर्मचारी जियो टैगिंग के जरिए फोटो लेकर चालान जारी करेंगे और मौके पर ही जुर्माना वसूली करेंगे।
भुगतान की सरलता
आम नागरिक चालान की राशि मौके पर ही नकद या ऑनलाइन माध्यम जैसे यूपीआई से चुका सकते हैं। यदि भुगतान तत्काल नहीं किया जाता, तो जुर्माना संबंधित संपत्ति की आईडी पर बकाया राशि के रूप में जुड़ जाएगा। इसके अलावा, ईमेल और एसएमएस के जरिए भी चालान की जानकारी और भुगतान लिंक भेजा जाएगा।
भविष्य की योजना
यदि चालान का भुगतान समय पर नहीं किया जाता, तो यह बकाया राशि के साथ जोड़ा जाएगा और नियमों के अनुसार वसूली की जाएगी। चैटबॉट के माध्यम से बकाया राशि की जानकारी संपत्ति धारकों तक पहुंचाई जाएगी, जिससे नागरिकों को समय पर भुगतान करने में सहूलियत होगी।