छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जनवरी से अक्टूबर 2024 तक 12,000 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 5,500 लोगों की मौत हुई। इन हादसों में 9,500 से अधिक दोपहिया वाहन सवार घायल हुए और लगभग 70% मौतें दोपहिया वाहन सवारों की ही हुईं। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकतर दुर्घटनाएं दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच हुईं, जिसकी मुख्य वजह थकान और जल्दबाजी बताई जा रही है।
राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, महासमुंद और बलौदाबाजार जिलों में 49% हादसे हुए। वहीं, सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार ने नए नियम लागू करने और जन जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है। स्कूलों में ट्रैफिक नियमों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, और ब्लैक स्पॉट्स के सुधार का काम तेज कर दिया गया है।
हाल में सड़क हादसे में मंत्री रामविचार नेताम और लक्ष्मी राजवाड़े भी घायल हुए, जिसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके तहत हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग सुनिश्चित करना, सड़कों पर यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराना और हाईवे पर सुरक्षा बढ़ाने की बात कही गई है।