देहरादून: उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनावों की हलचल तेज हो गई है, और राजनीतिक दलों के बीच इसे लेकर मंथन जारी है। संभावना जताई जा रही है कि मकर संक्रांति के बाद इन चुनावों को संपन्न कराया जा सकता है।
राजधानी देहरादून में पार्टी मुख्यालयों और बड़े नेताओं के घरों में टिकटों को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। बीजेपी और सरकार के बीच नगर पालिका, पंचायतों और निगमों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। राज्य निर्वाचन कार्यालय भी जनवरी में चुनाव की तैयारियों में जुट गया है, और केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि स्थानीय निकाय चुनाव जल्द होंगे।
आरक्षण व्यवस्था पर अंतिम निर्णय अगले कुछ दिनों में लिया जा सकता है, जिसके बाद दो सप्ताह तक आपत्तियों का समय होगा, और फिर चुनाव की आधिकारिक घोषणा होगी। इस समय बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल निगम चुनाव के प्रत्याशी चयन के लिए पर्यवेक्षकों को भेजने की योजना बना रहे हैं, जबकि पालिका परिषद चुनाव के प्रभारी भी चयनित कर लिए जाएंगे।
इस दौरान, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विकास कार्यों की समीक्षा के लिए विभिन्न शहरों के दौरे शुरू कर दिए हैं। बीजेपी संगठन ने अपने विधायकों और मंत्रियों को स्थानीय निकाय चुनावों में सक्रिय रूप से शामिल होने के निर्देश दिए हैं।